Mulayam Singh Yadav के बचपन से लेकर राजनीतिक सफर की पूरी कहानी बयां कर रही यह फिल्म, देखें कैसे राजनीति के शिखर पर पहुंचे थे नेता जी

Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार को निधन हो गया। मुलायम एक पहलवान परिवार से थे। अपने दांव-पेंच से बड़े-बड़े पहलवानों को चित करने वाले मुलायम ने राजनीतिक करियर में भी नए प्रतिबिंब स्थापित किए। मुलायम के पिता चाहते थे कि वह एक बड़े पहलवान बने, लेकिन नियति को कुछ और ही कुबूल था। आज मुलायम सिंह से जुड़ी कहानी और उनके राजनीतिक सफर के बारे में हर कोई जानना चाहता है। आपको बता दें कि उनके जीवन पर एक फिल्म बनाई गई थी जो संघर्ष से सफलता तक की कहानी दिखाती है। इस रिपोर्ट में उन पर आधारित फिल्म की पूरी कहानी आपको बताएंगे।
मैं भी मुलायम फिल्म की स्टार कास्ट
'मैं भी मुलायम' फिल्म का निर्देशन सुवेंदु घोष ने किया था। इसमें मुलायम का किरदार अमित सेठी ने निभाया। वहीं मुलायम के भाई शिवपाल यादव की भूमिका मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह ने अदा की थी। इसके अलावा राम मनोहर लोहिया के किरदार को अदा करने वाले प्रकाश बलबोटा भी लीड रोल की भूमिका में दिखे थे। चरण सिंह के रोल को गोविंद नामदेव चौधरी ने निभाया।
लोहिया की वो बात जो बनी मुलायम का मूल मंत्र
फिल्म की कहानी की बात करें तो इसमें दिखाया गया है कि राम मनोहर लोहिया की एक बात को कैसे मुलायम सिंह यादव ने अपना मूल मंत्र बना लिया। "जिंदा कौम 5 साल तक इंतजार नहीं करती" इस मंत्र पर अमल कर मुलायम देश के सफल राजनीतिक नेता बन गए। फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि मुलायम सिंह एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति हैं और उनके पिता चाहते हैं कि वह एक अच्छे पहलवान बने। हालांकि पहलवानी करने के दौरान ही नियति उन्हें उस राह पर ले जाती है, जिसके लिए शायद ईश्वर ने उन्हें चुना था।
फिल्म में देखें मुलायम का पूरा सफर
मैं भी मुलायम फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि कैसे उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत होती है। मुलायम सिंह एक कुश्ती कार्यक्रम के दौरान स्थानीय राजनीतिक नाथूराम से मिले। उन्होंने ही मुलायम को राजनीति में प्रवेश करने का प्रथम अवसर दिया। फिल्म में आगे दिखाया गया है कि कैसे मुलायम एक सख्त नेता और परिवर्तनशील राजनीतिक के रूप में उजागर हुए। इसके अलावा एक प्रसंग है, जिसमें नजर आता है कि उनके राजनीति में सक्रिय होने में नाथूराम, राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की सिखाई हुई बातें कितनी काम आई। मुलायम की जीवनी पर आधारित फिल्म में उनके मुख्यमंत्री बनने तक के सफर में उनकी पहली पत्नी के योगदान की झलक भी देखने को मिलती है। हालांकि मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी का इसमें कोई जिक्र नहीं किया गया है।
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