शाहरुख ने बॉलीवुड में किए 25 साल पूरे, ये सपने हैं अधूरे

देखते-देखते शाहरुख खान को बॉलीवुड में पचीस साल बीत गए। शाहरुख अपने आपको दुनिया का सबसे लकी इंसान मानते हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपने टैलेंट से बहुत ज्यादा मिला। उनके अभिनय से सजी पहली फिल्म 'दीवाना' 26 जून,1992 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर तरह की फिल्में कर चुके शाहरुख अब किस तरह की खास फिल्म करने की ख्वाहिश रखते हैं? वह अपने अब तक के करियर का सबसे बड़ा अचीवमेंट क्या मानते हैं? हरिभूमि की शाहरुख खान से एक खास मुलाकात।
फिल्म इंडस्ट्री में पचीस साल कम नहीं होते हैं। आज आप बॉलीवुड के किंग खान कहे जाते हैं। क्या कभी ऐसा लगता है कि अभी तो कल ही आया था, इतनी जल्दी इतना सारा वक्त बीत गया?
हां, कई बार ऐसा महसूस होता है। वाकई समझ में नहीं आता कि कैसे इतना सारा वक्त बीत गया। ऐसा लगता है कि पलक झपकते ही यह सब हुआ है। मैं हैरान रह जाता हंू कि आखिर इतनी लंबी जर्नी कब पूरी हुई। मैं अपने आपको बहुत लकी मानता हूं। मुझे अपने टैलेंट से भी बहुत ज्यादा मिला। यही वजह है कि मेरे मन में अब कोई उथल-पुथल नहीं रहती है। मैं सोचता हूं कि जो हो रहा है, बहुत अच्छा हो रहा है। जहां मैं हूं, वह टॉप की जगह है। मैं अपने आपको दुनिया का सबसे लकी इंसान मानता हूं।
आपने डायरेक्टर्स की नई और पुरानी दोनों पीढ़ियों के साथ काम किया है। किन डायरेक्टर्स के साथ आपकी खास ट्यूनिंग रही और आपने अपने आपको ज्यादा कंफर्टेबल महसूस किया?
ऐसे डायरेक्टर में मैं यश चोपड़ा और अजीज मिर्जा का नाम रखना चाहूंगा। आदित्य चोपड़ा, करण जौहर और फराह खान जैसे डायरेक्टर्स के साथ जो ट्यूनिंग बैठी, वह आज भी बनी हुई है। कई डायरेक्टर और भी हैं, जिनकी बदौलत मेरी जर्नी इस मुकाम तक पहुंची है। मैं अपने डायरेक्टर्स पर बहुत ज्यादा भरोसा करता हूं। उन्हीं के साथ मुझे काम करना अच्छा लगता है, जिनके साथ मैं सहज होता हूं।
आदित्य चोपड़ा हों, करण जौहर या फराह खान, इन डायरेक्टर्स ने ज्यादातर आपको लेकर ही फिल्में बनार्इं? इसकी कोई खास वजह?
हम सबका मन मिला हुआ है। एक-दूसरे के इमोशन को अच्छी तरह समझते हैं। एक ट्यूनिंग है आपस में। यही एक वजह है कि हमने बार-बार साथ में फिल्में कीं। मैंने कभी किसी डायरेक्टर को बांधकर नहीं रखा कि मेरे अलावा किसी और के साथ काम नहीं करना है।
क्या आपको याद है कि आपने सबसे पहले कैमरे का सामना कब किया था?
हां, मुझे अच्छी तरह याद है कि प्रदीप कृष्ण के डायरेक्शन में मैंने एक वीडियो फिल्म में काम किया था। बहुत छोटा सा रोल था। यह एक इंग्लिश फिल्म थी, इसकी राइटर अरुंधती रॉय थीं। तब चाणक्यपुरी में उनका घर था और उन्हीं के घर में शूटिंग हुई थी। उन दिनों मैं थिएटर में काम करता था। फिर महमूद साहब के बेटे मैकी ने भी मेरा एक वीडियो बनाया था। उसे मेरे सपनों के बारे में पता चल गया था कि मैं आगे एक्टिंग में करियर बनाना चाहता हूं। उसने वीडियो शूट करके मेरी मम्मी को दिखाया था।
आपके दिल के करीब के वे कौन से किरदार हैं, जिन्हें आप बतौर एक्टर निभाना चाहते हैं?
दिल के करीब तो कई तरह के किरदार हैं। मुझे पर्सनली लॉरेल एंड हार्डी या आर्ची बहुत पसंद हैं, लेकिन मैं उन्हें निभा तो नहीं सकता। मैं अपना किरदार, दर्शकों के लिए करता हूं, अपने लिए नहीं। मेरा मानना है कि रोल दर्शकों के दिल के करीब होने चाहिए, खुद के दिल के करीब हो या न हो।
आपके अपने कौन से किरदार हैं, जो आपको पसंद हैं?
मुझे 'कभी हां कभी ना', 'डॉन', 'माय नेम इज खान' और 'चक दे! इंडिया' जैसी फिल्मों के अपने किरदार काफी पसंद हैं।
आप लगभग हर तरह की फिल्में कर चुके हैं। आगे आपके मन में किस तरह की फिल्में करने की तमन्ना है?
मैं विजुअल इफेक्ट वाली फिल्में करना चाहता हूं। मेरे मन में है कि कुछ ग्रेट स्टोरीज वाली फिल्में भी करूं। मुझे विश्वास है कि मैं ऐसा कर पाऊंगा। दरअसल, मैं जबरदस्त आशावादी हूं। मैं सोचता हूं कि एक दिन मैं दुनिया के सारे अवार्ड जीत लूंगा। प्रोड्यूसर के तौर पर भी ऐसी फिल्में बना लूंगा, जैसी अब तक नहीं बनी हैं।
आप अब तक के करियर का सबसे बड़ा अचीवमेंट क्या मानते हैं?
मैं अपने आपको लकी मानता हूं, जब छोटी बच्चियों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक मुझे चूमते हैं। मैं समझता हूं कि मेरे करियर का सबसे बड़ा अचीवमेंट यही है। मुझे तमाम औरतें अपने पिता, पति या प्रेमी के सामने ही खुलकर प्यार करती हैं और वे इस बात का कतई बुरा नहीं मानते हैं।
पचीस साल के अभिनय करियर के बाद अब आगे की प्लानिंग क्या है?
मुझे लगता है कि मैंने अभी तक बेस्ट एक्टिंग नहीं की है। मैं आगे बतौर एक्टर शानदार एक्टिंग करने की कोशिश करूंगा। इतने साल काम करने के बाद मैं अब समझ गया हूं कि एक्टिंग क्या होती है? इसके अलावा मैंने इतने सालों में जो सीखा है, उसे नए लोगों में बांटना चाहूंगा। जितना मुझे मिला है, किसी को नहीं मिला। बिल गेट्स को भी नहीं।
क्या शाहरुख की ऐेसी कोई ख्वाहिश है, जिसे वह पूरा नहीं कर पाए हैं?
मैं गिटार बजाना सीखना चाहता हूं। मैं ऐसे कम से कम बीस गाने सीखना चाहता हूं, जिन्हें गिटार पर बजा सकूं और गा सकूं। मेरी इच्छा है कि मैं जिस किसी से जहां भी मिलूं, उनके लिए गाने गाऊं। मैंने कई बार गिटार सीखने की कोशिश की और मैं फेल हो गया।
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