गंभीर बीमारियों से बचने और स्किन के लिए भी जरुरी है धूप, फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

गंभीर बीमारियों से बचने और स्किन के लिए भी जरुरी है धूप, फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
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हम यह सुनने के आदी हैं कि सूर्य की गर्म (Sunlight) किरणें हमारी त्वचा के लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धुप बहुत लाभदायक (Benefits of Sunlight) भी हैं? सूरज की रोशनी आपके मस्तिष्क में हार्मोन के स्राव को ट्रिगर करते हैं। इसके अलावा भी धूप के कई फायदे हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो इससे हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम (Immune system) इंप्रूव करने की ताकत देती है।

हम यह सुनने के आदी हैं कि सूर्य की गर्म (Sunlight) किरणें हमारी त्वचा के लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धुप बहुत लाभदायक (Benefits of Sunlight) भी हैं? सूरज की रोशनी आपके मस्तिष्क में हार्मोन के स्राव को ट्रिगर करते हैं। इसके अलावा भी धूप के कई फायदे हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो इससे हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम (Immune system) इंप्रूव करने की ताकत देती है और यह कई गंभीर बिमारियों से बचाने में मदद करती है।

गंभीर बीमारियों से बचाए धूप

लगातार घर या ऑफिस के भीतर रहना और कुदरत की रोशनी, हवा के बीच समय ना बिताना आपकी हेल्थ पर भारी पड़ सकता है। सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है और उसमें कई प्रकार की बीमारियों से बचाने, हडि्डयां मजबूत करने, मेंटल हेल्थ दुरुस्त रखने और इम्यून सिस्टम इंप्रूव करने की ताकत होती है।

मल्टीपल स्क्लेरोसिस से बचाव

एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि अल्ट्रावायलेट रेज में कुछ समय बिताने से ऑटोइम्यून डिजीजेज से सुरक्षा मिल सकती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के जर्नल 'न्यूरोलॉजी' में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि बचपन में नेचुरल माहौल में खेल-कूद, घूमने-फिरने की आदत आगे चलकर मल्टीपल स्क्लेरोसिस से काफी हद तक बचा सकती है। इस अध्ययन में 3 से 22 वर्ष के 332 लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें मल्टीपल स्क्लेरोसिस की समस्या थी। इनकी तुलना 534 ऐसे लोगों से की गई, जिन्हें मल्टीपल स्क्लेरासिस की समस्या नहीं थी, उनके सन एक्सपोजर का रिकॉर्ड भी दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने पाया कि जो लोग रोज आधा घंटा से एक घंटा आउटडोर एक्टिविटीज में रहते हैं, उनमें मल्टीपल स्क्लेरोसिस का जोखिम कम था। यह अध्ययन वेल इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोसाइंसेज और यू सी एसएफ के न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एमानुएल वौबेंट ने किया।

सही रखे कार्डियो हेल्थ

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में इस बात के प्रमाण पाए हैं कि विटामिन डी की कमी से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे लोगों में हाई ब्लडप्रेशन, हार्ट डिजीज की समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं। जिन लोगों में विटामिन डी का लेवल बहुत कम होता है, उनमें हार्ट डिजीज का जोखिम दोगुना से ज्यादा हो सकता है। अध्ययन की मुखिया प्रोफेसर एलीना हिप्पोनेन कहती हैं कि दुनिया में हर साल कम से कम 17.9 मिलियन लोग कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से मर जाते हैं। विटामिन डी के लेवल पर ध्यान देकर इस संख्या को कम किया जा सकता है। विटामिन डी ऑयली फिश, अंडे, फोर्टीफाइड फूड और ड्रिंक से भी प्राप्त कर सकते हैं लेकिन सूरज की रोशनी के मुकाबले ये सोर्स कम फायदा पहुंचाते हैं। इस अध्ययन के लिए 2,67,980 व्यक्तियों के स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

अन्य फायदे

वैज्ञानिकों का कहना है कि सन एक्सपोजर से वंचित और विटामिन डी के लो लेवल वाले लोगों में पार्किंसन डिजीज, अल्जाइमर और डिमेंशिया के साथ सिजोफ्रेनिया, टाइप वन डायबिटीज, ल्यूपस और क्रोहन डिजीज का जोखिम भी अधिक होता है।

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