Fact Check: पीएम किसान ट्रैक्टर योजना से सावधान, पढ़ें क्या हैं सच्चाई

Fact Check: पीएम किसान ट्रैक्टर योजना से सावधान, पढ़ें क्या हैं सच्चाई
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Fact Check: इन दिनों सोशल मीडिया पर पीएम किसान ट्रैक्टर योजना के तहत् 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ट्रैक्टर की खबर चर्चा में बनी हुई है। लेकिन वास्तव में केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई गई हैं। इसलिए धोखाधड़ी से सावधान रहें।

Fact Check: टेक्नोलॉजी के दौर में हमारे किसान भी एडवांस तकनीक और मशीनरी की ओर रुख कर रहे हैं। ताकि वे भी अपने समय को दूसरे कार्य में लगा सकें। इनसे खेती में समय और श्रम की बचत होती ही है, अच्छा उत्पादन हासिल करने में भी आसानी होती है। कृषि मशीनरी की बात करें तो सबसे पहले ट्रैक्टर का नाम आता है। इसने खेत की तैयारी से लेकर बुवाई, कटाई और मंडी तक उपज की ढुलाई तक का काम आसान कर दिया है। ट्रैक्टर कंपनियों ने हर बजट के ट्रैक्टर तैयार कर बाजार में लाने का काम किया है जिससे अब छोटे किसान भी आसानी से ट्रैक्टर खरीद सकते हैं। ट्रैक्टर खरीद की लागत को कम करने के लिए समय-समय पर राज्य सरकार किसानों को आर्थिक मदद देती रहती है।

किसानों को नाबार्ड बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं लोन भी प्रदान करती हैं। लेकिन इन दिनों प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना काफी चर्चा में बनी हुई है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर करीब 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। जबकि सच्चाई तो कुछ और ही है।

PIB FACT CHECK की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पीएम किसान ट्रैक्टर योजना जैसी कोई योजना चलाई ही नहीं है। यदि आप ऐसी योजना का नोटिफिकेशन या कोई लिंक देखते हैं, तो उस पर बिल्कुल भरोसा न करें। नोटिफिकेशन पर क्लिक करने से आप भी ट्रैक्टर सब्सिडी पाने के चक्कर में धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।

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नहीं मिलती 50 प्रतिशत सब्सिडी

ट्रैक्टर की खरीद के लिए राज्य सरकारें अपने स्तर पर कई योजनाएं चलाती रही है और वर्तमान में चला रही हैं। हरियाणा सरकार ने भी राज्य के किसानों के लिए आधे दामों पर ट्रैक्टर उपलब्ध करवाने वाली स्कीम चलाई थी, जिसके लिए हरियाणा सरकार ने ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किए थे। इस योजना पर कई मीडिया रिपोर्ट्स में प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना के तहत 50 फीसद सब्सिडी के दावे किए।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ये दावे बहुत तेजी से वायरल हो रहे हैं। यह बात यहीं पर खत्म नहीं होती, इन फर्जी विज्ञापन में ट्रैक्टर को खरीदने के लिए आवेदन फॉर्म और लिंक भी दिए गया है, जबकि भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई गई है। इस मामले में कई बार खंडन किया जा चुका है, यह योजना पूरी तरह से फर्जी है। किसान भाइयों को धोखाधड़ी का शिकार होने से बचना हैं। किसी भी तरह की अफवाहों में न आए।

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