Fact Check : क्या सच में केंद्र सरकार ने लॉन्च किया साइबर स्वच्छता केंद्र, जानिए वायरल दावे का सच

Fact Check : क्या सच में केंद्र सरकार ने लॉन्च किया साइबर स्वच्छता केंद्र, जानिए वायरल दावे का सच
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सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि भारत सरकार ने नेटवर्क और सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले मालवेयर और बॉटनेट की जांच के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना की है। पढ़िये इसके पीछे की सच्चाई...

Fact Check : सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने नेटवर्क और सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले मालवेयर और बॉटनेट की जांच के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना की है। क्या यह सच है... चलिए जानते हैं वायरल हो रहे इस दावे में आखिर कितनी सच्चाई है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों को लगाम लगाने के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र को लॉन्च किया है। इसके जरिए केंद्र सरकार देश में नेटवर्क पर मैलवेयर के जाल को खत्म करने का प्रयास कर रही है। साइबर स्वच्छता केन्द्र यानि बॉटनेट शोधन और मालवेयर विश्लेषण केन्द्र भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल सर्ट-इन का एक हिस्सा है। इसे बॉटनेट और मालवेयर विशेषताओं का विश्लेषण करने, सूचना प्रदान करने और नागरिकों को बॉटनेट और मालवेयर को हटाने में सक्षम बनाने के लिए स्थापित किया गया है।

साइबर स्वच्छता केन्द्र नागरिकों के बीच अपने कंप्यूटर, डेटा, मोबाइल फोन और घरेलू राउटर जैसे उपकरणों को सुरक्षित करने के लिए जागरूकता पैदा करने का प्रयास करता है।

क्या है बॉट

बता दें कि बॉट यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो पीड़ितों की मशीन को संक्रमित करने और फिर उसके बाद में दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल करने में सक्षम है। ऐसी गतिविधियों को बॉटनेट के कमांड और कंट्रोल सर्वर से निर्देशित किया जा सकता है।

क्या है बॉटनेट

यह बॉटनेट बॉट्स या कॉम्प्रोमाइज्ड मशीनों का एक नेटवर्क है, जो दुर्भावनापूर्ण गतिविधि करने के लिए सिंक में काम करता है।

PIB ने इस दावे का फैक्ट चेक करते हुए इसे सही बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि हां, भारत सरकार ने नेटवर्क और सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले मालवेयर और बॉटनेट की जांच के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना की है। यह केंद्र GoI_MeitY के DigitalIndia का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना और बॉटनेट संक्रमण की पहचान करना है।

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