Fact Check : इंटरनेट पर वायरल हुआ बच्चे से केले छीनते लोगों का वीडियो, जानें दावे की हकीकत

Fact Check : इंटरनेट पर वायरल हुआ बच्चे से केले छीनते लोगों का वीडियो, जानें दावे की हकीकत
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सोशल मीडिया पर पाकिस्तान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे वहां के लोगों ने हाल ही में एक बच्चे से उसकी गाड़ी में रखे हुए केलों को छीन लिया।

Fact Check : पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके एक के बाद एक कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उन वीडियो में कभी वहां की जनता खाने के लिए छीना-झपटी करते हुए नजर आते हैं, तो कभी भूख प्यास से दम तोड़ते दिखाई देते हैं। अब ऐसा ही एक वीडियो इस समय फिर से छाया हुआ है, जिसमें एक बच्चा अपनी गाड़ी में रखे हुए केलों को भीड़ से बचाता हुआ नजर आ रहा है। इस वीडियो को देखने के बाद यह दावा किया जा रहा है कि अभी के रमजान के महीने में लड़का केले लेकर लाया और लोगों ने उससे छीन लिए। चलिए जानते हैं वीडियो की सच्चाई आखिर क्या है।

क्या है मामला

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को फेसबुक पर शेयर किया गया है। वीडियो को शेयर करते हुए इसके कैप्शन में लिखा गया है कि यह वीडियो पाकिस्तान का है। रमजान के महीने में यह लड़का केले लाया और सोचा कि इनको बेचकर थोड़ा पैसा जमा कर लूंगा, जिससे आटा खरीद लूंगा। अब नहीं लगता कि वह आटा खरीद पाएगा। क्या सच में वायरल हो रहा यह वीडियो अभी का है।


पड़ताल

इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसकी पड़ताल करनी शुरू की। इसके लिए हमने इससे संबंधित कीवर्ड गूगल पर सर्च किए। सर्च के दौरान हमें वीडियो से जुड़ी कई खबर पुरानी तारीख में देखने को मिली। सिर्फ के सर्च के दौरान हमें कई पाकिस्तानी वेबसाइट और न्यूज चैनल पर भी इससे जुड़ी खबर देखने को मिली। उनके अनुसार यह घटना 2 नवंबर 2018 के आसपास की है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के पंजाब शहर शेखूपुरा में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान TLP के प्रदर्शनकारियों ने भीड़ में केले से भरे हुए युवा फल विक्रेता की गाड़ी को लूट लिया।

दरअसल, एक युवा फल विक्रेता शेखूपुरा के बत्ती पर केले बेच रहा था, जहां दक्षिणपंथी धार्मिक पार्टी के प्रदर्शनकारियों ने उसकी गाड़ी पर हमला कर केले लूट कर भाग गए। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ तो पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर के माध्यम से उस युवा लड़के की वित्तीय मदद के लिए अनुरोध किया, जिसकी आजीविका प्रदर्शनकारियों द्वारा लूट ली गई थी।

निष्कर्ष

ऐसे में हमारी पड़ताल में यह दावा झूठा साबित होता है। वायरल वीडियो हाल के रमजान का नहीं बल्कि साल 2018 का है। इंटरनेट पर वीडियो को हालिया बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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