Fact Check : RSS करवा रहा है मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन, जानिए वायरल लेटर का सच

Fact Check : RSS करवा रहा है मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन, जानिए वायरल लेटर का सच
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सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि मुस्लिम लड़कियों का धर्मांतरण कराए जाने के लिए हिंदू युवाओं को संघ की तरफ से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

Fact Check : सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है, जहां पर कब क्या वायरल हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। चिंता की बात यह है कि यहां वायरल होने वाली हर चीज सही नहीं होती। कई बार लोग ठगी करने के लिए भी फेक चीजों को वायरल करते रहते हैं। अब सोशल मीडिया पर RSS के नाम से एक चिट्ठी काफी तेजी से वायरल हो रही है। इसमें कहा जा रहा है कि मुस्लिम लड़कियों का धर्मांतरण कराए जाने के लिए हिंदू युवाओं को संघ की तरफ से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चिट्टी में वायरल हो रहे इस दावे में कितनी सच्चाई है, चलिए जानते हैं।

जान लीजिए पूरा मामला

दरअसल, ट्विटर पर Shahavaj Anjum नाम के एक शख्स ने चिट्ठी की तस्वीर पोस्ट की। कैप्शन में उसने लिखा कि मुस्लिमों के खिलाफ RSS का घिनौना खेल। हिन्दू लड़के कॉलेज, कोचिंग, यूनिवर्सिटी, ऑफिस, सोशल मीडिया में मुस्लिम लड़की को प्यार के जाल में फसाओ। उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाओ ताकि वो अपने परिवार को छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो जाए। उसे घर बसाने के लिए 5 लाख की मदद भी दी जाएगी। RSS, खुलेआम मुस्लिम लड़कियों की इज्जत के साथ खेलने की साजिश कर रहा है। अपनी बहन बेटिओं को और सभी दीगर मुसलमानों को इस षड्यंत्र व साजिश से बचने के लिए इस पोस्ट को रिट्वीट व शेयर करिए। इस घिनौनी साजिश को नाकाम करने की जरूरत है।

चिट्ठी की पड़ताल

जब इस वायरल हो रही चिट्ठी की पड़ताल की गई तो हमें किसी भी वेबसाइट या फिर अन्य जगह पर इससे जुड़ी कोई मीडिया रिपोर्ट्स नहीं देखने को मिली। इसके बाद RSS की वेबसाइट और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इससे जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली। हालांकि जांच के दौरान हमें वीएसके भारत का ट्विटर अकाउंट मिला। बता दें कि वीएसके भारत संघ से जुड़े हुए ट्वीट करता है। उनके अकाउंट पर वायरल हो रही इस चिट्ठी को शेयर करते हुए इसे फेक बताया गया है।

चिट्ठी शेयर करते हुए वीएसके ने कैप्शन में लिखा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने के लिए अराजक तत्वों का एक और असफल प्रयास। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से संघ के लेटरहेड पर सर संघचालक जी के नाम से झूठा पत्र वायरल किया जा रहा है। इसके बाद वायरल हो रही चिट्ठी की तुलना जब संघ के आधिकारिक पत्रों से की गई तो यह पाया गया कि वायरल चिट्ठी में मौजूद लोगो असली लोगो से काफी अलग दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी तरफ, लोगो के नीचे RSS की टैगलाइन संघे शक्तिः कलीयुगे लिखी होती है, जो वायरल पत्र में मौजूद नहीं है। RSS के पत्र में जारी करने वाले कार्यवाह के हस्ताक्षर होते हैं, जबकि वायरल चिट्ठी में किसी के भी हस्ताक्षर नहीं हैं।

निष्कर्ष

पड़ताल के बाद हमने यह पाया कि संघ के नाम से वायरल हो रही चिट्ठी फेक है, जिसे एडिट कर के दुष्प्रचार की मंशा से तैयार किया गया है। संघ ने वायरल दावे का खंडन करते हुए इस पत्र को फेक बताया है।

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