हरियाणा में विपक्षी नेताओं में ह्रदय परिवर्तन की लहर, अब तक 46 बड़े नेता भाजपा में शामिल

हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में ऐसा माहौल कभी नहीं रहा जैसा इस समय दिखाई दे रहा। प्रदेश में विपक्ष एकदम गायब है। विपक्षी नेता स्वयं का अस्तित्व बचाने के लिए खुद भाजपा में आ रहे हैं।
ऐसे में कुछ महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जब भी पूछा जाता है कि बाजी किसके हाथ लगेगी तो वहां की एक तिहाई जनता बिना सोचे भारतीय जनता पार्टी का नाम बता देती है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में विपक्षी पार्टियों का सूफड़ा साफ कर दिया और सभी 11 सीटे जीत ली। इसके बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं के अन्दर ह्रदय परिवर्तन वाली भावना जागृत हो गई।
और एक के बाद एक नेता भाजपा में आता गया। आंकड़ो की बात करें तो अभी तक कुल 46 बड़े विपक्षी नेता भाजपा में आ चुके हैं। इनमें इनेलो के 5 वर्तमान विधायक व एक राज्यसभा सांसद भी हैं।
इंडियन नेशनल लोकदल के ही 7 पूर्व विधायक व प्रदेश के कई जिला अध्यक्ष और क्षेत्रिय नेताओं ने लोकसभा चुनाव में आए परिणाम के बाद भाजपा के प्रभाव को समझा और पार्टी का हिस्सा बन गए। हरियाणा में कांग्रेस और इनेलो लगभग बराबर का वजन रखती हैं।
लेकिन पिछले कुछ महीनों में जिस तरह 21 बड़े नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए उससे एक बात तो साफ है कि इस बार इनेलो पिछले विधानसभा की तरह चुनावी दमखम नहीं दिखा पाएगा।
केवल इनेलो ही नहीं बल्कि कांग्रेस भी जब सत्तारूढ़ भाजपा को किसी मुद्दे पर घेरने की कोशिश करती है तो उसके ही खेमें के बड़े नेता उधर खड़े होकर अपनी ही पार्टी को चिढ़ाते हैं। अभी तक कुल 11 नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
आम आदमी पार्टी और बसपा अपने अस्तित्व को लेकर भटक रहे हैं। जननायक जनता दल की स्थिति भी इन पार्टियों से बहुत अलग नहीं है। स्वाती यादव और जगदीश नायर जैसे बड़े नेता खट्टर खेमें में चले गए हैं।
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