बड़ा खुलासाः 9 फीसदी युवा कोरोना भगाने के लिए पीना चाहते हैं शराब

बड़ा खुलासाः 9 फीसदी युवा कोरोना भगाने के लिए पीना चाहते हैं शराब
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पहली बार किए गए टेलिफोनिक सर्वे में कई चौकाने वाली बातें सामने आई। 100 में से 9 प्रतिशत युवा सोचते हैं कि शराब पीने से वे कोरोना वायरस असर नहीं करेगा। वहीं 27 प्रतिशत का कहना कोरोना मतलब मौत। वहीं डॉक्टरों ने ऐसे मिथक तोड़े और उन्हें समझाया कि ऐसा कुछ भी नहीं है।

मनोज वर्मा रोहतक। Corona को लेकर PGIMS के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग ने पायलट सर्वे किया है। पहली बार किए गए इस टेलिफोनिक सर्वे में कई चौकाने वाली बातें सामने आई। सर्वे के अनुसार 100 में से 9 प्रतिशत युवा सोचते हैं कि शराब पीने से वे कोरोना वायरस असर नहीं करेगा, या उन्हें संक्रमित नहीं करेगा। वहीं 27 प्रतिशत नौजवानों का का मानना है कि कोरोना मतलब मौत। ऐसे ही अजीब जवाब युवाओं ने दिए।

कई का मानना था कि गर्म पानी से कोरोना से बचाव होगा। लेकिन डॉक्टर ने ऐसे मिथक तोड़े और उन्हें समझाया कि ऐसा कुछ भी नहीं है। शराब पीने से इम्यूनिटी कम होती है ना कि बढ़ती है। गर्म पानी पीना और कोरोना से मौत भी मिथक बातें हैं। युवाओं को ऐसी अफवाहों से बचना चाहिए। दरअसल ये सर्वे में पीजीआईएमएस के कम्यूनिटी विभाग में एमबीबीएस, एमडी और सीनियर रेजिडेंट डॉ. शीबा सेठी ने रोहतक के अलग-अलग क्षेत्रों के 100 ऐसे लोगों से बात की, जिनकी उम्र 18 से ज्यादा और 60 से कम थी। इनमें अधिकतर युवा ही थे। इस सर्वे को स्वास्थ्य विभाग के पास भेजा जाएगा।

इसलिए समझ रहे शराब पीना ठीक है

सर्वे में जिन युवाओं ने ये बताया कि शराब पीने से कोरोना से बचा जा सकता है, उनसे ये भी पूछा गया कि ऐसा सोचने के पीछे आधार क्या है। पता चलास कि शराब पीने वाली बात सेनिटाइजर में 70 प्रतिशत एल्कोहल से जुड़ी हुई है। युवाओं का मानना है कि जब 70 प्रतिशत एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर हाथों पर लगाकर कोरोना से बचाव होता है तो शराब पीना उससे भी बेहतर है।

27 प्रतिशत मानते हैं मौत

अचरज की बात ये सामने आई कि युवा पीढ़ी में सोशल मीडिया के जरिए ये ऐसे मिथक फैलाएं जा रहे हैं कि कोरोना वायरस से एक बार संक्रमित हो गए तो मौत पक्की। इस पर डॉ. शीबा ने बताया कि मौत के मुकाबले ठीक होने वालों का प्रतिशत ज्यादा है, इसलिए ऐसी बातों पर विश्वास ना करें।

21 प्रतिशत बोले, गरारे करो

सर्वे में 100 युवाओं में से 21 प्रतिशत युवाओं ने बताया कि हर रोज गरारे करने से कोरोना से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा 11 प्रतिशत युवाओं का कहना है कि तापमान बढ़ने से कोरोना वायरस खुद ही खत्म हो जाएगा। इस पर डॉ. शीबा ने उनका मिथक तोड़ा और बताया कि गरारेया माउथवॉश करने और गर्मी में वायरस कम हो जाएगा, ऐसा कुछ भी नहीं है। इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई।



13 प्रतिशत बोले, गर्म पानी पिएं

सर्वे में युवाओं ने बताया कि गर्म पानी पीएं तो कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। क्योंकि कोरोना वायरस गले, नाक या आंख से शरीर में घुसता है तो गर्म पानी पीने से ये गले में ही खत्म हो जाएगा। डॉ. ने इसका भी जवाब दिया कि ये भी एक अफवाह है। गर्म पानी और कोरोना वायरस के बीच कोई संबंध नहीं।

अर्बन हेल्थ सेंटर से लिए नंबर

जिन 100 युवाओं के पास फोन किया गया, उनके फोन मोबाइल फोन नंबर पीजीआई के अर्बन हेल्थ सेंटर से लिए गए हैं। सर्वे में लड़कियां भी शामिल हैं। रोहतक के गांधी कैंप, शिवाजी कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड और स्लम ऐरिया के युवाओं से बात की गई है।

ये सवाल पूछे गए

- क्या आप मानते हैं कि खूब गरम पानी पीसे कोरोना से बचा जा सकता है

- विशेष साबुन और डिइन्सफेक्टेंट्स से हाथ धोने से ही कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है

- क्या मानते हैं कि कोरोना वायरस होना मतलब मौत तय है

- केवल बुजुर्गों को ही कोरोना वायरस होता है।

- शराब पीने से कोरोना से बचा जा सकता है

- लगातार गरारे करते रहने से कोरोना वायरस नहीं होता

- बच्चों को कोरोना वायरस नहीं होता।

- अधिक गर्मी से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा

- चाय पीने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है

- गिलोए, हल्दी और तुलसी का काढ़ा पीने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है

- कोरोना वायरस हवा से फैल सकता है

- विटामिन-सी के प्रतिदिन सेवन करने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

- लहसुन खाने से कोरोना वायरस नहीं होगा

- ब्लो या ड्रायर की गर्म हवा को नाक के छिद्र में मारने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है

- एल्कोहल के पूरे शरीर पर छिड़काव करने से कोरोना वायरस संक्रमण नहीं होता।

- कोरोना वायरस पालतू जानवरों से फैल सकता है

- मच्छर कोरोना वायरस को फैलाते हैं

- अगर व्यक्ति 10 सेकेंड तक सांस रोकने में सफल हो जाता है तो उसे कोरोना वायरस इन्फेक्शन नहीं है।



लोग अंधाधुंध सोशल मीडिया पर विश्वास कर रहे हैं, ये गलत है

ये सर्वे कम्यूनिटी विभाग के एचओडी डॉ. आरबी जैन के निर्देशन में किया गया। मैंने रविवार को 100 युवाओं को कॉल की। सामने आया कि लोग सोशल मीडिया पर आए कोरोना वायरस से बचने के तरीके और इससे संबंधित अनेक मैसेज पर अंधाधुंध विश्वास कर रहे हैं। इस कारण कोरोना संबंधी मिथकों की संख्या बढ़ रही है। इन मिथकों को तोड़ना जरूरी है। सबकी जिम्मेदारी है कि गलत मैसेज लोगों तक ना पहुंचने दें। डब्ल्यूएचओ या सरकार द्वारा गाइडलाइन का ही पालन करें।

डॉ. शीबा सेठी, एमबीबीएस, एमडी और सीनियर रेजिडेंट, कम्यूनिटी विभाग, पीजीआईएमएस।

हां पायलट सर्वे किया गया है। डॉ. शीबा ने रविवार को फोन पर 100 लोगों से बातचीत की। ऐसी बातें सामने आई कि हम भी अचंभित रह गए। ये मिथक तोड़ने जरूरी हैं और इसीलिए ये कवायद की जा रही है।- डॉ. आरबी जैन, एचओडी, कम्यूनिटी विभाग, पीजीआईएमएस।

मिथक तोड़ें, ये है सच्चाई

- गर्म पानी या चाय पीने से कोरोना से बचाव का कोई लेना-देना नहीं है।

- डिइन्सफेक्टेंट्स और साबुन दोनों ही हाथ को सेनिटाइज करने के लिए ठीक हैं।

- साबुन की तुलना में हैंड सेनिटाइजर ज्यादा प्रभावी नहीं है।

- गरारे या माउथ वॉश से कोरोना को रोकने की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।

- लहसुन खाने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है, ऐसा सोचना भी गलत है

-- अधिक गर्मी से कोरोना वायरस कम हो जाएगा, ऐसा सोचना भी गलत है। तापमान बढ़ने से कोरोना वायरस के खत्म होने की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।

- कम तापमान स्थानों पर भी कोरोना वायरस से लोग संक्रमित हैं।

नोट: जैसा कि डॉ. शीबा सेठी ने बताया

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