बैंकों के हड़ताल से लटक गया 500 करोड़ का लेनदेन

बैंकों के हड़ताल से लटक गया 500 करोड़ का लेनदेन
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बैंकों की हड़ताल से व्यापरियों का पसीना निकाल दिया।शनिवार को भी हड़ताल रहेगी और रविवार को छुट्टी है, इसलिए बैंक अब सोमवार को ही खुलेंगे।

बैंकों की हड़ताल से व्यापरियों का पसीना निकाल दिया। 200 सरकारी बैंक के बंद रहने से करीब 500 करोड़ रुपये का लेन-देन अटक गया। शनिवार को भी हड़ताल रहेगी और रविवार को छुट्टी है, इसलिए बैंक अब सोमवार को ही खुलेंगे। दूसरी ओर बैंक कर्मचारियों ने कोर्ट के पास एसबीआई की मुख्य शाखा के समक्ष धरना दिया और जुलूस निकालकर नारेबाजी भी की।

उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही, जिससे कर्मचारियों में रोष है। साथ ही चेतावनी दी कि जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो 11, 12, 13 मार्च को फिर हड़ताल की जाएगी और इसके बाद 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार को हुई बैंकों की हड़ताल ने परेशानी बढ़ा दी है। हड़ताल के चलते जिले में करीब 200 बैंकों के लगभग 2500 कर्मचारियों ने काम बंद रखा।

लोगों को हुई परेशानी

शुक्रवार को पहले से ही तय बैंकों की हड़ताल के चलते जहां लेने देन प्रभावित हुआ वहीं लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह नौ बजे बैंक कर्मचारी कार्यालय के बाहर पहुंचे और कर्मचारियों ने बैंक के बाहर हड़ताल पर होने की बैनर लटका दिया। हड़ताल से अंजान लोगों ने सुबह से ही अपने काम को लेकर बैंक का रूख किया। लेकिन बैंकों के बाहर हड़ताल संबंधी सूचना का बैनर लटका मिला। जिससे लोगों को बिना बैंक के कार्य निपटाए ही वापस लौटना पड़ा। पूरे दिन लोग बैंकों के कार्य निपटाने के लिए बैंकों के चक्कर लगाते रहे।

मांगों को लेकर गरजे बैंक कर्मचारी

15 सूत्रीय मांगों केे समर्थन एवं बेहत्तर सर्विस शर्तों को लेकर सभी बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों ने कोर्ट के समीप स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पर धरना देकर नारेबाजी की। इस दौरान सभी बैंक कर्मचारियों ने सरकार व भारतीय बैंक संघ के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। हरियाणा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन के जोनल सेकेट्री अरविंद ने कहा कि केंद्र सरकार बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का वेतन समझौता जो कि 1 नवम्बर 2017 से लागू होना था लेकिन नहीं किया। इसलिए उन्होंने सम्मानजनक वेतन समझौता लागू करने, नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन लागू करने, अधिकारियों की कार्य अवधि निश्चित करने, आउट सोसिंर्ग बंद करने, समान काम समान वेतन दिए जाने सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की है। इसके अलावा उनकी कई अन्य मुख्य मांगों को भी सरकार व आईबीए अनदेखा कर रही है।

पीएनबी स्टाफ एसोसिएशन हरियाणा के वाइस प्रेसिडेंट अनिल बजाज ने कहा कि मर्जर और निजीकरण के चलते बैंको के राष्ट्रीयकृत स्वरूप को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने दो दिवसीय हड़ताल के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी है कि अगर बैंक कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस मौके पर पंजाब नेशनल बैंक से विनोद खुराना, विनोद भरद्वाज, दीवान अरोड़ा, गौरव मालिक, यूनियन बैंक से हरेंद्र नैन, ओम प्रकाश, कैनरा बैंक से दीपक गौतम, इलाहबाद बैंक से चंद्रपाल दहिया एवं विभिन्न बैंकों से महिला अधिकारी भी मौजूद रही।

सोमवार खुलेंगे बैंक

बैंकों की दो दिनों की हड़ताल के चलते बैंक तीन दिन बंद रहेंगे। शुक्रवार और शनिवार को बैंकों की हड़ताल है और रविवार को छुट्टी के चलते बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों को कैश की कमी से जूझना पड़ सकता है।

एटीएम पर रही भीड़

इधर तीन दिनों की लगातार बंदी के कारण एटीएम पर सुबह से ही लोगों की खासी भीड़ देखी गई। अधिकांश एटीएम पहले ही दिन खाली हो गए। आगामी दो दिनों के लिए उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

बैंकों के बाहर लटके ताले

बैंकों के बाहर लटके रहे ताले बैंककर्मियों की हड़ताल के चलते अधिकांश बैंकों के बाहर ताले लटके रहे। बैंकों में रुपये निकालने और जमा कराने आए ग्राहकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। बैंकों में न तो ड्राफ्ट बन सके और न ही पर्सनल लोन और होम लोन की कार्यवाही हो सकी। बैंकों की हड़ताल के चलते उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ी।

ये हैं मांगे

- मूल वेतन में कम से कम 20 फीसदी वृद्धि की जाए

- सप्ताह में 5 दिवसीय बैंकिंग की जाए

- नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए।

- बैंक कर्मचारियों के आने का समय है, लेकिन जाने का नहीं है। इसलिए कार्य का समय भी निर्धारित हो।

शाखाओं में काम के घंटे और लंच के समय का सही से बंटवारा हो

- समान काम के बदले समान वेतन मिले

- रिटायरमेंट लाभ को आयकर से मुक्त किया जाए

- मूल वेतन में विशेष भत्ता भी मर्जर किया जाए

- अपडेट पेंशन, पारिवारिक पेंशन में बढ़़ोतरी की जाए

- स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर हो

ये रहे मौजूद

जितेंद्र सिवाच उपमहासचिव एसबीआईओए, मनोज कुमार उपमहासचिव एसबीआईओए, सतबीर सहायक महासचिव एसबीआईओए, राजेश बामल प्रधान एसबीआईओए, राजबीर राठी जोनल सचिव एसबीआईओए, विजय मुंजाल उपप्रधान एआईओबीओयू, सुरेंद्र सैनी सचिव पीएनबी, अमरनाथ वर्मा बीईएफआई, रामभगत प्रधान एसबीआईएसए, विजय आहूजा उपमहासचिव एसबीआईएसए हित अन्य मौजूद रहे।


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