Haryana: Chief Minister Manohar Lal बोले 'नीतीश बाबू को हमारा राम-राम कहिएगा'

Haryana:  Chief Minister Manohar Lal बोले नीतीश बाबू को हमारा राम-राम कहिएगा
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हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रवासी मजदूरों से वीडियो कॉल (video call) के माध्यम से बातचीत की और ट्रेन में सवार होने से पहले उनका कुशलक्षेम पूछा तथा इंतजामों के बारे में फीडबैक लिया और नीतीश कुमार के साथ अपने सम्बंधों के बारे में भी अवगत करवाया।

हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार द्वारा विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों के माध्यम से बिहार भेजे जा रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Chief Minister Nitish Kumar)के साथ अपने सम्बंधों के बारे में अवगत करवाया और कहा कि ''नीतीश बाबू को हमारा राम-राम कहिएगा''। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मनोहर लाल व्यक्तिगत रूप से फंसे हुए प्रवासी मजदूरों(migrant workers) को उनके गृह राज्यों में वापस भेजने के लिए विशेष श्रमिक रेलगाडियों के परिचालन की गतिविधि की निगरानी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मनोहर लाल ने मोबाइल पर वीडियो कॉल (video call ) के माध्यम से मजदूरों के साथ बातचीत की और ट्रेन(train) में सवार होने से पहले उनका कुशलक्षेम पूछा तथा इंतजामों के बारे में फीडबैक लिया ताकि कहीं कोई खामी न हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को खेतिहर मजदूरों द्वारा सूचित किया गया कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न आश्रय गृहों में भोजन और आवास उपलब्ध कराया जा रहा है और यहां तक कि उनकी यात्रा से पहले चिकित्सा जांच भी की गई है।

लॉकडाउन के दौरान बड़ी मदद मिली

बिहार के मधेपुरा के रहने वाले अंकेश कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार से लॉकडाउन के दौरान बड़ी मदद मिली है, लेकिन वह अपने घर की कमी महसूस कर रहा था। अपनी वापसी पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा उनके परिवार को भी उनकी घर वापसी के बारे में बता दिया गया है।दो अन्य प्रवासी खेतिहर मजदूरों, प्रकाश मंडल और पवन कुमार, जो मधेपुरा के निवासी हैं, ने कहा कि ट्रेन से उनके घर तक पहुँचने का किराया 600 रुपये से अधिक है और फिलहाल उनके पास इतना पैसा भी नहीं था, लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा की गई व्यवस्था के कारण, अब वे एक भी रुपया खर्च किए बिना सुरक्षित घर लौट सकेंगे।

मन में आशा की किरण जगी

कटिहार के रहने वाले एक अन्य मजदूर मक्खन ने कहा कि उसे और उसके 26 साथियों को भोजन और चिकित्सा सहायता जैसी सभी सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन फिर भी उसका अपने परिवार से मिलने का मन हो रहा था। जब उसे इस बात का पता चला कि हरियाणा सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को घर लौटने में मदद कर रही है तो उसके मन में आशा की एक किरण जगी। स्वास्थ्य जांच और अन्य औपचारिकताओं के बाद, उसे बस से हिसार लाया गया, जहां पहले से ही उनके ठहरने और जाने की व्यवस्था की गई थी। कल तीन श्रमिक ट्रेनें कृषि गतिविधियों से जुड़े प्रवासी मजदूरों को लेकर अंबाला से बिहार के कटिहार, हिसार से मुजफ़्फरपुर, बिहार और रेवाड़ी से मध्य प्रदेश के सागर के लिए रवाना होंगी।


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