मुख्यमंत्री मनोहरलाल बोले, कोरोना पाजिटिव मरीजों के साथ में रखें सहानुभूति

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने प्रदेश में कोरोना पाजिटिव मरीजों के साथ में सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने की अपील की है, क्योंकि यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है। प्रदेश में पाॅजिटिव मरीजों की संख्या में से काफी लोग निगेटिव होकर बाहर निकलें हैं, इसीलिए कोई भी घबराएं नहीं। मुख्यमंत्री ने कोरोना पाॅजिटिव मरीजों से बातचीत की, जो निगेटिव रिपोर्ट आने के साथ ही ठीक हो गए थे। सभी मरीजों ने हौसला और धैर्य रखने की अपील की साथ ही कहा कि हिम्मत रखनी होगी।
मुख्यमंत्री ने विश्व स्तर पर चल रही इस समस्या का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह से लाखों लोग इसकी चपेट में आ गए हैं, यह कष्ट सभी के लिए हैं। लाकडाउन के समय में लोग अपने घरों में शांति के साथ रहें व समय का सदुपयोग करें कोई रचनात्मक काम करें। कोई भी नया काम सीखने के लिए एकांतवास में पाॅजिटिव ऊर्जा मिलती है, हमारे देश में सन्यासी लोग एकांतवास में चले जाते हैं। इस तरह के लोग तप करके औऱ नई ऊर्जा लेकर बाहर निकलते हैं।
बुरी आदतों से बाहर आने का वक्त
मुख्यमंत्री ने सभी से अपील में कहा कि घरों में अगर कोई सदस्य, ड्रग और शराब का आदी हो गया है, तो उसे बाहर आने के लिए सहयोग करें। कोरोना के संघर्ष में हमें बाहर निकलकर जीतकर आना है। परिवार के सदस्यों की आदत के कारण निगेटिव व्यवहार बना है, इस तरह के लोगों पर ध्यान दें उसकी आदतों में सुधार कराने में सहयोग प्रदान करें, यह हमारी सभी की जिम्मेदारी है।
कोरोना संक्रमित बोले हिम्मत हौसले व धैर्य ने दी मात
हरियाणा के रहने वाले उन लोगों से मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बातचीत की। सीएम को कोरोना पाजिटिव मरीजों ने इस लड़ाई में जीतकर पहुंचने वालों ने कहा कि धैर्य,साहस ने इस लड़ाई में उन्हें जीत दी है। डाक्टरों औऱ अस्पताल प्रशासन का सहयोग होने पर भी सभी ने आभार जताया। इन मरीजों में सीएम ने सबसे पहले महिला मंजू पाॅजिटिव निकली थी, जिसने सीएम से बातचीत की। इस दौरान सामने आई रोजगार व अन्य तरह की चुनौती के बारे में बताया। जिस पर सीएम ने कहा कि वे सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी करेंगे ताकि किसी भी पाजिटिव से ठीक हुए मरीज के साथ में सौतेला व्यवहार नहीं हो। उसकी पूरी मदद का प्रबंध भी करेंगे। सीएम ने लंबी लड़ाई लड़ने वाली महिला को बधाई दी। इसी क्रम में अमृतपाल फरीदाबाद ने भी बताया कि किस तरह से वे पाॅजिटिव हुए औऱ क्या क्या चुनौती उनके सामने आईं। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को उनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई थी, जिसके बाद में सफदरजंग दिल्ली अस्पताल में उपचार हुआ, वहां पर बेहतरीन उपचार हुआ। इस दौरान बढि़या उपचार के साथ साथ सभी डाक्टरों औऱ नर्सों ने उनकी हिम्मत हौसला बढ़ाने का काम किया। इसके बाद में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। इनके अलावा मनु वैश्य गुरुग्राम ने स्वीकार किया कि वे खुद विदेश गए हुए थे, जिसके कारण देश में वापस आने पर पता लगा था कि वे पाॅजिटिव हैं, इसीलिए अस्पताल में भर्ती हो गए। इस दौरान उन्होंने धैर्य रखा और उपचार के बाद ठीक हो गए। मोबाइल आदि पर ही रोजाना का अपडेट लेते रहें।
कपिल चोपड़ा गुरुग्राम पाॅजिटिव हो गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें शुरुआत में बुखार था, लक्षण नजर नहीं आ रहे थे। 2 तारीख को निमोनिया कोविड का टेस्ट हुआ था। उसके बाद निजी अस्पताल औऱ सरकारी टीम ने भी चेक किया। उपचार शुरू हुआ, सारे टेस्ट निगेटिव हो गए। अस्पताल से ठीक होकर निकले हैं। मोनिका ने सीएम को बताया कि 16 मार्च को टेस्ट हुआ था। 18 को दो बच्चों का पाॅजिटिव आया था। जिन्हें भर्ती कराया गया। 19 मार्च को दोनों ही घर वापस आ गए। 14 दिन अस्पताल और 14 दिन उनके घर भी पूरे हो गए हैं। दोनों बच्चे ठीक हैं, किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं हैं।
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