खांसी-जुकाम की दवा खरीदते ही स्वास्थ्य विभाग को मिल जाएगी जानकारी, सरकार ने दिए ये निर्देश

वैश्विक महामारी कोरोना के आगे के फैलाव के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन करनाल द्वारा इसकी रोकथाम को लेकर कई उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जिलाधीश करनाल निशांत कुमार यादव ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत, मैडिकल स्टोर, मैडिकल व कैमिस्ट की दुकानें, जन औषधी शॉप तथा डॉक्टर विशेषकर जनरल फिजीशियन, जो प्राईवेट क्लीनिक चला रहे हैं और रोगी अथवा व्यक्तियों को फ्लू व श्वसन सम्बंधी लक्षणों की दवाईयों की ब्रिकी कर रहे हैं, के लिए एक नया आदेश जारी किया है। जिलाधीश के आदेश में कहा गया है।
सभी दुकानदार व कैमिस्ट तथा प्राईवेट क्लीनिक चलाने वाले फिजीशियन को एक रिकॉर्ड रखना होगा, जिसमें बुखार, सर्दी, गले में संक्रमण, फ्लू, श्वसन सम्बंधी तकलीफ और इससे मिलते-जुलते लक्षणों की दवाई खरीदने वाले व्यक्ति या रोगी का नाम, मोबाईल नम्बर व पूरा पता दर्ज करके, रिकॉर्ड को रोजाना कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज तथा सिविल सर्जन करनाल को ईमेल के जरिए भेजना होगा। सिविल सर्जन इस तरह की दुकानों व जनरल फिजीशियन का रोजाना डाटा एकत्र करने का प्लान बनाकर, कोविड-19 के तहत ऐसे रोगियों का पता लगाएगा तथा तैयार सूची को रोजाना ईमेल से कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज के निदेशक को शेयर करेगा। आदेशानुसार, आदेश की किसी प्रकार की अवहेलना होने पर आई.पी.सी. की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश तत्काल लागू होकर अगले 60 दिन अर्थात 21 जून 2020 रात्रि 12 बजे तक प्रभावी रहेंगे।
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