Lockdown-3: High Court के दखल के बाद बॉर्डर पर रियायत, अब ई-पास दिखाकर कोई भी कर सकता है हरियाणा में प्रवेश

Lockdown-3: High Court के दखल के बाद बॉर्डर पर रियायत, अब ई-पास दिखाकर कोई भी कर सकता है हरियाणा में प्रवेश
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हरियाणा सरकार(Government of Haryana) ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा (Affidavit) दिया है कि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस और अदालत के अधिकारियों समेत जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के दौरान ई-पास (E-pass) दिखाने पर दिल्ली और हरियाणा के बीच आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।

बहादुरगढ़। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के दखल के बाद अब दिल्ली-हरियाणा सीमा (Delhi-Haryana border) पर आवाजाही में काफी हद तक छूट मिल गई है। मेडिकल, पैरा मेडिकल स्टाफ व पुलिसकर्मियों सहित कोई भी अब ई-पास के जरिए अंतरराज्यीय आवागमन कर सकता है। इसी का असर है कि अन्य दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को टीकरी बॉर्डर पर करीब दोगुणा वाहनों ने दिल्ली से हरियाणा (Haryana) में प्रवेश किया।

चूंकि हरियाणा सरकार का कहना था कि दिल्ली से प्रतिदिन हरियाणा आने-जाने वाले लोगों की वजह से राज्य में संक्रमण फैल रहा है। इसीलिए एक मई से दिल्ली के स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों समेत अन्य लोगों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरराज्यीय मूवमेंट के संबंध में सरकार को हिदायत दी है। जिसके बाद जारी आदेशों में कहा गया है कि ई-पास धारक किसी भी नागरिक को हरियाणा में प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा। यह ई-पास महज आधे घंटे में ही जारी हो जाएगा।

एमआईई पुलिस चौकी प्रभारी पवनवीर के अनुसार दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर को जरूरी सेवाओं के लिए खोला गया है। सीमाओं पर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। जरूरी सेवाओं के लिए जाने वाले लोगों को ई-पास जारी किए जाएंगे। यह पास पूरे लॉकडाउन में वैलिड होगा और हर बार इसी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अब दिल्ली में काम करने वाले डॉक्टरों को भी छूट मिल गई है। यही कारण है कि शुक्रवार को अन्य दिनों की अपेक्षा लगभग दोगुणा वाहनों ने टीकरी बॉर्डर के माध्यम से हरियाणा में प्रवेश किया।

हरियाणा सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को यह आश्वासन भी दिया कि दिल्ली और हरियाणा के बीच जरूरी और गैर-जरूरी सामान ले जा रहे ट्रकों को भी आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बैंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार के वकील द्वारा हलफनामा दायर किए जाने के बाद जनहित याचिका (पीआईएल) का निस्तारण किया जाता है।

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