हिसार में पीपीई किट पहनाकर किया बुजुर्ग का अंतिम संस्कार

हिसार। डीसी कॉलोनी निवासी 63 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु के बाद बृहस्पतिवार को सेक्टर 16-17 स्थित श्मशान गृह में अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन द्वारा बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के दौरान उन सभी दिशा निर्देशों की पालना की गई, जोकि एक कोरोना पॉजीटिव मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान बरती जाती है। बुजुर्ग के परिजनों और अन्य कर्मचारियों को पीपीई किट पहनाकर ही अंतिम संस्कार किया गया। इतना ही नहीं अंतिम संस्कार के बाद आसपास के क्षेत्र और शव लाने वाली एम्बुलेंस को भी सैनिटाइज किया गया।
बता दें कि 9 अप्रैल को बुजुर्ग की दूसरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन बाद की 3 कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें बुधवार को कोरोना आईसीयू से सामान्य आईसीयू में शिफ्ट किया गया था और शाम को बुजुर्ग की मौत हो गई थी। उधर, गुरुग्राम के सीएमओ का कहना है कि उनकी मौत कोरोना से नहीं बल्कि दूसरी बीमारियों के चलते हुई है।
सीधे श्मशान लाया गया शव
बुजुर्ग की मृत्यु होने की सूचना के बाद ही प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया था और उनके अंतिम संस्कार के दौरान पूरी सावधानी बरतने हुए वह सभी जरूरी कदम उठाए गए, जोकि एक कोरोना पॉजीटिव मृतक के अंतिम संस्कार के समय उठाए जाने चाहिए। बृहस्पतिवार की सुबह बुजुर्ग के शव को सेक्टर 16-17 श्मशान गृह लाया गया। बुधवार की रात्रि को ही श्मशान गृह के आसपास के इलाके को सील कर दिया गया था। प्रशासनिक तथा पारिवारिक लोगों के अलावा किसी को शमशान गृह तक नहीं जाने दिया गया। परिजनों और अन्य कर्मचारियों को पीपीई किट पहनाकर ही अंतिम संस्कार किया गया। यहां तक कि आसपास के क्षेत्र और शव लाने वाली एम्बुलेंस को बाद में सैनिटाइज भी किया गया।
9 अप्रैल को बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजीटिव
गौरतलब है कि हिसार की डीसी कॉलोनी निवासी 63 वर्षीय बुजुर्ग को 30 अप्रैल को शहर के जिंदल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। यहां से 2 अप्रैल को उनका पहला कोरोना टेस्ट करवाया गया था जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। बुजुर्ग की हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें 5 अप्रैल को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। वहां 9 अप्रैल को आई दूसरी कोरोना रिपोर्ट में उनको कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
बुजुर्ग के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर डीसी कॉलोनी क्षेत्र को कंटेंटमेंट जॉन तथा उसके साथ लगते अर्बन स्टेट एरिया को बफर जोन घोषित कर इसे सील कर दिया गया था। उधर, मेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी तीसरी, चौथी और पांचवी रिपोर्ट भी निगेटिव आने के बाद 22 अप्रैल को उनकी मौत से पूर्व ही उनको कोरोना आईसीयू से निकालकर सामान्य आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। गुरुग्राम के सीएमओ के अनुसार उनकी मौत कोरोना से नहीं हुई बल्कि दूसरी बीमारियों के चलते हुई।
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