CM खट्टर के सामने चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे तेज बहादुर को चुनाव आयोग का नोटिस

CM खट्टर के सामने चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे तेज बहादुर को चुनाव आयोग का नोटिस
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भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के सचिव द्वारा तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) को भेजे गए सुनवाई नोटिस (Notice) के अनुसार तेज बहादुर यादव ने विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Election) के लिए रिपरजेनशन ऑफ पीयूप्ल एक्ट 1951 की धारा 9 के तहत प्रमाण जारी करने के लिए गत 26 सितंबर 2019 को एक पत्र लिखा था।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) के मुकाबले में करनाल से जेजेपी की तरफ से चुनावी ताल ठोकने की तैयारी कर रहे नारनौल के गांव रातांकलां निवासी बीएसएफ से बर्खास्त तेज बहादुर यादव को भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई नोटिस जारी किया हैं। इस नोटिस में आयोग ने तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur) को तीन अक्टूबर को सुबह 11 बजे निर्वाचन सदन दिल्ली पहुंचकर डिप्टी चुनाव आयुक्त (Deputy Election Commissioner) के समक्ष उपस्थित होकर अपने लिखित बयान दर्ज करवाने के आदेश जारी किए हैं।

भारत निर्वाचन आयोग के सचिव माले माल्लिक के हस्ताक्षरयुक्त जारी किए सुनवाई नोटिस के आदेशों की प्रति नारनौल के डीसी कम जिला निर्वाचन अधिकारी को ईमेल से भेजकर इन नोटिसों को बीएसएफ से बर्खास्त तेज बहादुर यादव के गांव के पते पर पहुंचाकर उनकी पावती आयोग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

16 सितंबर को लिखा था पत्र

भारत निर्वाचन आयोग के सचिव द्वारा तेज बहादुर यादव को भेजे गए सुनवाई नोटिस के अनुसार तेज बहादुर यादव ने विधानसभा चुनावों के लिए रिपरजेनशन ऑफ पीयूप्ल एक्ट 1951 की धारा 9 के तहत प्रमाण जारी करने के लिए गत 26 सितंबर 2019 को एक पत्र लिखा था।

चुनाव आयोग ने नोटिस में यह उल्लेख किया है कि लोकसभा चुनावों के दौरान बीएसएफ की तरफ से 2 मई 2019 को एक पत्र प्राप्त हुआ था। इस पत्र में हवाला दिया गया था कि तेज बहादुर यादव के खिलाफ बीएसएफ एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत सुनवाई की गई थी। जिसमें तेज बहादुर यादव को बीएसएफ कोर्ट ने सेना की व्यवस्था एवं अनुशासन के खिलाफ कार्य करने, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने और सेना के सामान्य आदेशों को अनदेखा करके उनमें लापरवाही बरतने में दोषी पाया गया था।

चुनाव आयोग ने कहा- अगर जवाब नहीं देते...

यह सभी दोष साबित होने के बाद कोर्ट ने तेज बहादुर यादव को 17 अप्रैल 2017 को बीएसएफ की सेवा से डिसमस करने के आदेश जारी कर दिए थे। भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी उपरोक्त टिप्पणी वाले नोटिस में यह भी लिखा है कि नोटिस प्राप्त करने के बाद यदि आप जवाब नहीं देते हैं तो यह समझा जाएगा कि उपरोक्त विषय में आप कुछ नहीं कहना चाहते हैं।

नारनौल के डीसी कम जिला निर्वाचन अधिकारी के मार्फत ईमेल करके भेजे गए पत्र एवं नोटिस की एक प्रति अलग से तेज बहादुर यादव व बीएसएफ की डीजी को भेजी गई है। इस संबंध में डीसी जगदीश शर्मा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग से जो नोटिस प्राप्त हुए थे, वो सर्व करवा दिए गए है।

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