हड़ताल पर जा सकते हैं फरीदाबाद कोविड-19 घोषित अस्पताल के डॉक्टर

हड़ताल पर जा सकते हैं फरीदाबाद कोविड-19 घोषित अस्पताल के डॉक्टर
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डीन के खिलाफ लामबंद हुए रेजीडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन कर दी चेतावनी , ईएसआई अस्पताल में हो रहा है कोरोना के मरीजों का उपचार।

फरीदाबाद। एक ओर जहां कोरोना की जंग में डॉक्टरों को कोरोना योद्धा की संज्ञा दी जा रही है तथा उन्हें भगवान कहा जा रहा है, उन्हीं डॉक्टरों को रोष स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम करने पर विवश होना पड़ रहा है। कोविड-19 घोषित अस्पताल ईएसआई नंबर 3 मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने डीन के खिलाफ काली पट्टी बांधकर रोष प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे लंबे समय के लिए हड़ताल पर जा सकते हैं क्योंकि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर डीन से गुहार लगा रहे हैं परंतु उनकी सुनवाई करना तो दूर डीन द्वारा डॉक्टरों से अभद्र व्यवहार करने का आरोप अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने लगाया है। ऐसे में यदि डॉक्टरों ने हड़ताल की तो प्रशासन के साथ-साथ फरीदाबाद व पलवल दोनों जिलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि तीन नंबर ईएसआई मडिकल कॉलेज को कोविड-19 स्पेशल अस्पताल घोषित किया गयाा है। इसके अलावा यहां कोरोना की जांच के लिए लैब भी स्थापित की गई है। ऐसे में यदि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, हालात काफी खराब हो सकते हैं।

कोरोना वायरस के चलते हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के लिए कोविड-19 अस्पताल घोषित किए हैं जिनमें से फरीदाबाद व पलवल जिले के लिए फरीदाबाद एनआईटी-3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया है। दोनों जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों को इसी अस्पताल में रेफर किया जा रहा है। यहां पर बेड कम पडऩे पर मरीज दूसरे अस्पतालों में भेजे जाएंगे।

इस ईएसआई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें वर्ष 2016 से छठे वेतन आयोग के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है। जबकि उन्हें सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री मनोहरलाल जहां कोरोना को लेकर काम कर रहे डॉक्टरों व नर्सों को दोगुने वेतन देने की घोषणा कर रहे हैं वहीं उन्हें उनका वास्तविक वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों ने कॉलेज के डीन असीम दास पर आरोप लगाया कि वे इस मामले में 10 से 12 बार डीन से मुलाकात कर चुके हैं परंतु उनसे बात करना तो दूर डीन द्वारा उन्हें यह कहकर बैरंग लौटा दिया जाता है कि वे जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर से बात नहीं करते।


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