हरियाणा में 20 अप्रैल से अस्पतालों में जनरल ओपीडी फिर से शुरू होंगी

चंडीगढ़। मुख्य सचिव हरियाणा केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ छूट प्रभावी हो जाएगी, इसलिए सभी उपायुक्तों को मछली पालन के लिए तालाबों की नीलामी, निर्माण कार्य, ढाबों और सामन्य सेवा केंद्रों को खोलने इत्यादि जैसे अनुमति प्राप्त गतिविधियों के संचालन के लिए योजना तैयार करनी चाहिए। इन गतिविधियों के अलावा, फॉरेस्ट वाटरिंग, सिंचाई और खनन कार्य भी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए चरणबद्ध तरीके से किए जाने चाहिए। मुख्य सचिव ने यह निर्देश यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 20 अप्रैल से जनरल ओपीडी फिर से शुरू होंगी, इसलिए संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ओपीडी में आने वालों की एक व्यवस्था बनाई जाए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों की सख्ती से अनुपालना हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ओपीडी को अस्पताल परिसर के बाहर बनाया जाना चाहिए और ओपीडी के बाहर मार्किंग की जाए ताकि ओपीडी के बाहर अधिक भीड़ न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले, ब्लॉक और गांवों में मोबाइल ओपीडी के जाने की सूचना एडवांस में दी जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इन ओपीडी की सेवाओं का लाभ उठा सकें।
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि नियंत्रण क्षेत्रों (कंटेन्मेंट जोन) के प्रोटोकॉल के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कंटेन्मेंट जोन का आलेखन (प्लॉटिंग) किया जाना है, जिसके तहत ऐसे कंटेन्मेंट जोन में आने वाले विशेष गाँव की मैपिंग अक्षांश और देशांतर के अनुसार की जाएगी और उसके बाद तदनुसार तीन किलोमीटर या जो आवश्यक है, एक रेखा खींची जाएगी।
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