Haryana : शराब घोटाले में सरकार का बड़ा फैसला, एसआईटी को पूछताछ का अधिकार देने के लिए एडवोकेट जनरल से राय मांगी

Haryana : शराब घोटाले में सरकार का बड़ा फैसला, एसआईटी को पूछताछ का अधिकार देने के लिए एडवोकेट जनरल से राय मांगी
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गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि पहले मामला एलआर के पास भेजा गया था। इस मामले को एलआर की ओर से यह कहकर लौटा दिया गया था कि इस मामले में एजी आफिस की ओर से ही राय दी जा सकती है।

चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) में शराब गोलमाल मामले की जांच कर रही एसआईटी(SIT) को पूछताछ व अन्य अधिकार देने के लिए सरकार ने एडवोकेट जनरल बलदेव राय महाजन (Advocate General Baldev Rai Mahajan) से राय मांगी है। गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि पहले मामला एलआर के पास भेजा गया था। इस मामले को एलआर की ओर से यह कहकर लौटा दिया गया था कि इस मामले में एजी आफिस की ओर से ही राय दी जा सकती है, क्योंकि यह पूरा मामला आपराधिक है।

शराब घोटाले को लेकर कहा कि एसआईटी के पास में पावर आ जाने के बाद में पूरे मामले में कईं राज बाकी भी खुलकर सामने आएंगे। अनिल विज ने यह भी कहा है कि अब एक अप्रैल 2020 से आबकारी विभाग के नए नियम लागू हुए हैं। इसके पहले तक आबकारी विभाग के अधिकारी मामूली जुर्माना लेकर छोड़ दिया करते थे। विज ने कहा कि पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है। टीम दूध का दूध पानी का पानी कर देगी। इसकी रिपोर्ट आने तक मैं कुछ भी टिप्पणी नहीं करूंगा। अब एलआर द्वारा मामले में यह कहकर वापस किया है कि वे आपराधिक मामलों में राय नहीं देते इसलिए ऐसे एडवोकेट जनरल के पास भेजा जाए।

उक्त पूरा मामला एसीएस होम विजय वर्धन द्वारा एजी के पास में भेज दिया गया है। विज ने कहा कि इस तरह के मामलों में समय लगता है, प्रक्रिया में कुछ वक्त चाहिए।पूरे शराब घोटाले में विज ने दोहराया कि उक्त पूरे मामले में काफी हद तक जिम्मेवारी आबकारी विभाग की बनती थी लेकिन ठीक तरह से काम नहीं किया गया। अब नए कानून आ गए हैं, जो एक अप्रैल से अमल में आएंगे। इससे पहले कार्रवाई के नाम पर लीपापोती होती रही।

विधानसभा सत्र बुलाना का फैसला स्पीकर करेंगे: विज

हरियाणा विधानसभा के सत्र को लेकर कहा कि यह काम स्पीकर और सरकार का है। फिलहाल कोरोना संक्रमण की चुनौती खड़ी हुई है, इस बारे में कोई भी फैसला स्पीकर ही करेंगे। अधिकारियों द्वारा विधायकों की बात नहीं सुने जाने को लेकर विज ने दोहराया कि इस बारे में अगर कोई शिकायत विधायकों को है, तो वे सीएम के पास में जाकर अपनी बात रखे व शिकायत दें।

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