Haryana के कृषि मंत्री दलाल ने विपक्षी पार्टी के नेताओं को बेवजह राजनीति न करने की सलाह दी

चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने प्रदेश के किसानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा के बहादुर किसानों ने कोरोना के इस संकट के समय में बहुत सारी दिक्कतें होने के बावजूद देश व प्रदेश के खाद्यान भण्डार भरने का काम किया है। सारा देश किसानों का ऋणी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि अब तक किसानों को 1500 करोड़ रुपये गेहूं तथा 1150 करोड़ रुपये सरसों की फसल खरीद के रूप में जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है और सदैव किसानों के हित में कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। कृषि मंत्री ने यह बात पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में सबको साथ मिलकर ही आगे बढ़ना है। विपक्षी पार्टी के नेताओं को बेवजह राजनीति न करने की सलाह देते हुए मंत्री ने कहा कि यह घड़ी साथ मिलकर इस महामारी से लड़ने की है न कि राजनीतिक बयानबाजी करने की। मंत्री बताया कि सरकार ने एक लाख हेक्टेयर में धान के स्थान पर दलहन की फसल की खेती करने के लिए नई फसल विविधिकरण योजना मेरा पानी-मेरी विरासत की शुरुआत की है। धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों को उगाकर विविधीकरण करने की एवज में किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके तहत 8 खंडों में रतिया, सिवान,गुहला, पिपली,शाहबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा खण्ड शामिल है।
अब तक 604.77 लाख क्विंटल गेहूं और 54.20 लाख क्विंटल सरसों की मंडियों में आवक हो चुकी
उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी खरीद प्रक्रिया को सुचारू रुप से चलाने और किसानों को मंडियों में अपनी उपज लाने के लिए अधिक दूरी तय न करनी पड़े, इसके लिए मंडियों की संख्या बढ़ाई गई। रबी सीजन 2020 के दौरान गेहूं के लिए 1831 और सरसों के लिए 162 खरीद केंद्रों की स्थापना की गई है। अब तक 604.77 लाख क्विंटल गेहूं और 54.20 लाख क्विंटल सरसों की मंडियों में आवक हो चुकी है। सरकार किसानों की उपज का एक-एक दाना खरीदेगी। उन्होंने कहा कि यह खरीद बहुत थोड़े समय में हुई है। गेहूं की तो केवल 20 दिन में हुई है, जबकि यही विपक्षी नेता कहते थे कि गेहूं को हम तीन महीनों में भी नहीं खरीद पाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान प्रदेश में कुल खाद्यान उत्पादन 181.44 लाख मीट्रिक टन हुआ, जबकि वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 153.54 लाख मीट्रिक टन था।
अब तक 50.37 लाख किसानों को पंजीकृत किया गया
कृषि मंत्री ने वर्तमान सरकार और पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान किसानों के हित में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के जोखिम की पूर्ति हेतू प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ 2016 में पूरे हरियाणा प्रदेश में शुरू की गई, जिसके तहत बाजरा, धान, कपास, मक्का, गेंहू, चना, जों, सरसों एवं सूरजमुखी फसलों को कवर किया गया है और अब तक 50.37 लाख किसानों को इस योजना के तहत पंजीकृत किया गया है और 12.09 लाख किसानों से 825.69 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में लिए और 2546.96 करोड़ रूपए बीमा राशि के रूप में दिए जा चुके हैं। इस योजना का भी कांग्रेस ने भरपूर विरोध किया था। जबकि पिछली सरकार के दौरान बीमा योजना नम्निलिखित स्कीमों राष्ट्रीय कृषि फसल बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना तथा संशोधित राष्ट्रीय कृषि फसल बीमा योजना के तहत प्रदान किया जाता था, जोकि कुछ ही ब्लॉकों/जिलों तक सीमित थी। कांग्रेस शासन (2005-06 से 2013-14) के दौरान केवल 12.53 लाख किसानों को पंजीकृत किया गया और केवल 4.20 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मात्र 164.30 करोड़ रूपए के रूप में दिया गया।
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