हरियाणा चुनाव : कांग्रेस में धाकड़ नेता हैं कैप्टन अजय यादव, आदर से लिया जाता है नाम

हरियाणा में कांग्रेस के चेहरों में जिनका नाम आदर के साथ लिया जाता है, ऐसे में एक बड़ा नाम कैप्टन अजय यादव हैं। उनकी तीसरी पीढ़ी चुनावी मैदान में है। वे छह बार विधायक रह चुके हैं। दो बार मंत्री रहे हैं। अहिरवार राजनीति में धाकड़ नेता हैं। उन्हें 2019 के चुनाव में चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। राजनीति उनके यहां विरासत में रही है। वे राजनीति से पहले सेना में अफसर थे। रेवाड़ी से 1989 में पहली बार चुनाव लड़ा और वहां से लगातार छह बार चुनाव जीते। रेवाड़ी से इस बार उनके बेटे चिरंजीवी को उतारा गया है। उनसे हरियाणा की राजनीति पर सार्थक संवाद के तहत होगी चर्चा:-
प्रश्न: लोग तो चाहते थे आप मैदान में हों, इस बार क्यों नहीं?
अजय सिंह यादव: जब मैंने चुनाव लड़ा तो पिता जी 65 वर्ष के थे। आज मैं करीब उसी उम्र का हो गया हूं। उन्होंने मुझे मौका दिया, मैं अपने बेटे को मौका दे रहा हूं। मेरे पिता अभय सिंह जी ने अच्छी चुनावी पारी खेली, मैंने भी खेली। अब चिरंजीव 2006 में एनएसयूआई से जुड़े। 14 साल से संगठन में है। पीसीसी में महासचिव रहे चिरंजीव। इस बार इसलिए उसे मौका मिला।
प्रश्न: जब आपके पिता और आप विधायक बने, तब कांग्रेस के पक्ष में माहौल था। आज स्थिति अलग दिख रही है। ऐसे समय में आप अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं?
अजय सिंह यादव: 1952 में जब मेरे पिता जी रेवाड़ी से चुनाव लड़े तो कहा गया कि राजा के खिलाफ खड़े हुए हैं। कोई टिकट लेने को तैयार नहीं था। पिता जी लड़े और जीते। लाल बहादुर शास्त्री जी ने पूछा था क्या आप लड़ेंगे, तो उन्होंने हां कहा। 1989 में चौटाला सरकार थी। उससे पहले देवीलाल थे। तो उस समय भी अनुकूल नहीं थी। पर जीते। छह बार मैं जीता। दो बार काफी मतों से हारा। इस बार मैं लोकसभा का चुनाव लड़ा चुका। मेरी प्राथमिकता थी कि 9 हल्कों के लिए काम करूं। अगले लोकसभा के लिए फिर आवेदन करेंगे।
प्रश्न: आप प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं। केंद्रित 9 पर करना चाहते हैं?
अजय सिंह यादव: ऐसा नहीं है। हमारा काम स्टार कैंपेनर की जिम्मेदारी तय करना है। ये कर दिया गया है। जब बड़े नेता जाएंगे, तो उनके साथ जाऊंगा। 21 को चुनाव है। मुझे पहले अपना घर मजबूत करना है। फिर मुझे जहां बुलाया जाएगा, वहां जाऊंगा।
प्रश्न: पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर दस जनपथ के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं? क्या कहेंगे?
अजय सिंह यादव: मैंने 32 साल की राजनीति में कभी शक्ति प्रदर्शन नहीं किया। अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के घर के सामने प्रदर्शन उचित नहीं। मुझे जो पीड़ा थी, मैंने चिट्ठी लिख दी। लेकिन अपनी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
प्रश्न: कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई कि उनके मुखिया के घर के सामने प्रदर्शन हो और कोई आवाज नहीं उठी?
अजय सिंह यादव: 2005 में चौधरी भजन लाल पीसीसी अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि 60 सीट की नाम बनाकर तुम दो और 30 की मैं देता हूं। मैं नहीं माना। मैंने कहा जो अच्छे हों, उन्हें दें। चाहे वो किसी भी कैंप के हों। चाहे हुड्डा कैंप के हों या शैलजा कैंप के। चाहे भजन लाल कैंप के हों। अच्छे लोगों का समर्थन किया। कांग्रेस की सबसे ज्यादा सीट 2005 में आई। इसके बाद 2009 में 40 सीट आई और फिर 15 सीट। आप अपने के चहेते को टिकट देंगे, तो रोष होगा और काम बिगड़ेगा। आप उसे टिकट दो जो जीत सके। पटौदी के लिए सबने कहा, मैंने भी कहा। कुछ ऐसे लोग थे, जिन्होंने कोई काम नहीं किया। उन्हें टिकट बांटी जाएगी तो क्या संदेश जाएगा। कई लोगों ने पार्टी छोड़ दी। अमन अहमद, मोहम्मद इलियाज जैसे अच्छे उम्मीदवारों को छोड़ा गया। औरऐसे को टिकट दी गई जिनके पास कुछ नहीं। पिछली बार एक कैंडिडेट जिसे एक महीने पहले कांग्रेस ज्वाइन कराया गया, उन्हें टिकट दे दी गई। उन्हें मुख्यमंत्री ने ज्वाइन कराया। जबकि यह काम पीसीसी अध्यक्ष का होता है।
प्रश्न: आज जिस हाल में कांग्रेस है, उससे क्या आपको लगता है कि 2005 में नेतृत्व चयन में गलती हुई?
अजय सिंह यादव: चौधरी भजनलाल में घमंड आ गया। उनके ओएसडी सारा काम देखते थे। हुड्डा जी कहते थे चार रोटी में तीन रोटी हिसार चली जाती है, एक में पूरा हरियाणा रहता है। 2005 में जब ये बनें, तो हुड्डा की नीतियां वहीं रही। 2009 में 40 सीट आई। इनके पास पूरा तंत्र था। मुख्यमंत्री बनने के लिए दे नाम थे। मेरा और हुड्डा जी का। पांच विधायकों को उन्होंने प्रशासन की मदद से अपने कब्जे में ले रखा था। कुछ हल्कों में मेरे लोग थे। मैंने पूछा किस बात की देरी हो रही है। मैंने कहा कि हुड्डा के पास पांच विधायक हैं। इन्हीं को बना दो मुख्यमंत्री। जब मैं बाहर निकलने लगा, तो एक नेता थे, उन्होंने कहा कि ये क्या किया। आपने अपने पांव में कुल्हाड़ी मार दी। मैंने कहा ये बात पहले कहते तो सोचते। तो हुड्डा जी भाग्य से मुख्यमंत्री बने। सोनिया जी बड़प्पन है, कि मुझे पैनल में रखा। मेरी लॉयल्टी पार्टी के लिए है। अशोक तंवर मुझसे काफी जूनियर हैं। लेकिन वे पार्टी अध्यक्ष हैं, तो मैं उनका काम करता हूं। अब शैलजा का साथ दे रहे हैं।
प्रश्न: 2014 में पार्टी बुरी तरह से हारी। अगर पिछली हार के कारण वे थे, तो इस बार भी उन्हें सामने क्यों किया जा रहा है?
अजय सिंह यादव: ये प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे। ये मुझे भी समझ नहीं आया कि प्रदेश अध्यक्ष शैलजा जी के लोगों के नाम बहुत कम आए। सारा कुछ हुड्डा ले गए। ये वे ही बता सकते हैं। 2005 में 11 आदमी ऐसे थे जो भजनलाल खेमे के थे। मैंने इन सबको हुड्डा जी के साथ लाया था। टक्कर इस बार अच्छी होगी,। मुख्य विपक्ष हमारी पार्टी होगी।
प्रश्न: तो क्या चयन में कमी रह गई?
अजय सिंह यादव: बहुत ज्यादा कमी रह गई। कुछ लोग छोड़ कर चले गए। जिन्हें जेजेपी या बीजेपी ने ले लिया। तीन चार सांसद कांग्रेस के थे, वो भी चले गए। मांगीलाल, लक्ष्मणदास जैसे अच्छे लोगों ने पार्टी छोड़ दी। पार्टी में जब तक कलेक्टिव लीडरशिप नहीं होगी, तो कुछ नहीं हो सकता। हमारे यहां जो आदमी दो बार विफल हो गया, उसे तीसरी बार कैसे बना दिया जाए।
प्रश्न: जब प्रत्याशी ही अच्छे नहीं, तो चुनाव प्रचार समिति का क्या अर्थ? आप जिम्मेदारी छोड़ क्यों नहीं देते?
अजय सिंह यादव: मुझे जो जिम्मेदारी मिली है, मैं वो कर रहा हूं। मेरे इस्तीफा देने से पार्टी का काम नहीं रुक जाएगा। मैंने एक बार इस्तीफा दिया था जब यूनिवर्सिटी की मांग नहीं मानी जा रही थी।
प्रश्न: आपके संबंध हुड्डा जी से इतने खराब क्यों हुए?
अजय सिंह यादव: सिरसा में एक पत्रकार ने सवाल किया कि वित्तमंत्री के बतौर क्या कर रहे हैं। तो मैंने उन्हें कई चीजें बताईं। उसमें कहा कि गुजरात की ग्रोथ रेट 11 प्रतिशत है, हमारी 2 प्रतिशत। उस खबर को हुड्डा जी ने बोल्ड लैटर में कई अखबारों में छपवाया। मुझे परेशान किया जाने लगा। मुझसे वित्त मंत्रालय लेकर पावर मिनिस्टर बनाया गया, जिसमें पावर एमडी के पास होती है। पावर मिनिस्टर पावरलेस मिनिस्टर होता है। फारेस्ट का मंत्रालय दिया, यहां फारेस्ट है नहीं। पर्यावरण का मंत्रालय दिया, जहां चैयरमेन की चलती है। तो ऐसा करेंगे तो संबंध कैसे खराब नहीं होंगे। लेकिन मैंने अपनी पार्टी नहीं बदली क्योंकि मुझे सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है।
प्रश्न: आपने अपने बेटे को टिकट कैसे दिलाया?
अजय सिंह यादव: मैं छह बार विधायक रहा हं। मंत्री रहा हूं। पार्टी के साथ अच्छे बुरे दिनों में रहा हूं। मैंने काम बहुत कराए। यहां मोदी लहर के कारण हारे। इस बार भी पुलवामा अटैक और एयर स्ट्राइक का फायदा भाजपा को मिला। इसके बाद भी 5 लाख से ज्यादा वोट मिले। करीबी अंतर से लोकसभा हारा। ये धारा 370 को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।चुनाव देखकर 370 हटाया।
प्रश्न: क्या धारा 370 का असर चुनाव पर पड़ेगा?
अजय सिंह यादव: राष्ट्रीय मुद्दे अलग होते हैं और प्रदेश के अलग। 2014 में जितना कर्ज था, आज दोगुुना हो गया। कहीं पावर प्लांट नहीं लगाया। कोई नीति नहीं बनाई। रेवाड़ी में जहां जो काम बचा था, वैसा ही है। सिर्फ भवन बना दिए। भाजपा भावनाओं से खेलती है। अभी मोदी जी ट्रंप के लिए वोट मांगने गए थे, जबकि हिन्दुस्तान की महिला ट्रंप के खिलाफ लड़ रही है। तो मोदी को किसका साथ देना चाहिए।
प्रश्न: आपकी पार्टी ये मुद्दा क्यों नहीं उठाती?
अजय सिंह यादव: योग्य आदमी को जिम्मेदारी मिलेगी, तो सब अच्छा होगा। भाजपा भावनाओं से खेलती है।
प्रश्न: आपने आरोप लगाया कि 70 हजार करोड़ का कर्ज था 2014 में और ये भी कि कुछ हुआ नहीं, तो पैसा गया कहां?
अजय सिंह यादव: ये सरकार बताएगी। मोदी जी ये बताएं कि 1लाख 76 हजार करोड़ क्यों लिया। वैसे ही मनोहर जी बताएं कि इतना कर्ज कहां लगाए।
प्रश्न: अगर सरकारी पैसे का बेजा इस्तेमाल हुआ तो आपने नजर क्यों नहीं रखी?
अजय सिंह यादव: पैसे का क्या हुआ ये सरकार ही बता सकती है। जमीन के खेल में कई लोग लगे हुए हैं। आरटीआई को कमजोर कर दिया गया है। संस्थाओं को खत्म कर रहे हैं। ओएनजीसी, एनआईसी, बीएसएनएल सबको बंद कर रहे हैं। सीबीआई, आरबीआई, आईबी का दुरुपयोग हो रहा है। बड़े लोगों का कर्जा माफ किया, गरीबों का नहीं। एलआईसी से पैसे निकाल लिए। कितने बैंकों को मर्ज कर लिया।
प्रश्न: आप ये सारे मुद्दे लोकसभा में उठा चुके थे, जनता ने आपको नकार दिया। आप फिर भी उन्हीं मुद्दों को उठा रहे हैं?
अजय सिंह यादव: ट्रंप के लिए मोदी जी वोट मांगने गया, ये नया मुद्दा है, कार्पोरेट हाउट का टैक्स माफ किया, नया मुद्दा है, बच्चियों से दुष्कर्म हो रहे, नया मुद्दा है। उन्नाव में क्या हुआ? ये सारे मुद्दे लोगों ने स्वीकार किया है।
प्रश्न: भाजपा कह रही है इस बार 75 पार। आप क्या कहेंगे?
अजय सिंह यादव: एसएससी का चैयरमेन पकड़ा गया। कई पेपर लीक हुए। क्लर्क के टेस्ट में गड़बड़ी हुई। नायब तहसीलदार के टेस्ट में पेपर लीक हुआ। जिन्हें साइंटिस्ट बनना चाहिए, वे चपरासी बना रहे हैं। रोजगार नहीं है। दो लाख हर देंगे कहा था, नहीं दिए। बिजली नहीं बनाई। मेडिकल कालेज नहीं बनाया। मेडिकल कालेज है, वो भी खस्ताहाल है। गुड़गांव में पानी भरता है। महंगाई बढ़ गई। ये सब जनता देख रही है।
प्रश्न: तो क्या वे इसलिए 75 पार की उम्मीद कर रहे हैं कि कांग्रेस में हाहाकार मचा है?
अजय सिंह यादव: हाहाकार बीजेपी में ज्यादा है। विपुल गोयल, हमारे यहां के विधायक इनकी टिकट काट दी। इनकी टिकट हमसे खराब बंटी है, इसलिए हम सत्ता में आएंगे। अगर इस बार अच्छी टिकट बांटते तो हम 75 पार करते, लेकिन 50 के आसपास अच्छी टिकट बंटी है।
प्रश्न: आप कह रहे हैं कि विरोधियों ने टिकट कटवा दी, दिला दी। आप न किसी की टिकट कटवा पाए न दिलवा पाए?
अजय सिंह यादव: मैं अभी सिर्फ कांग्रेस प्रचार समिति का अध्यक्ष हूं। ये गुलदस्ता जैसा पद है। सिर्फ सजावट के लिए रखा है। अगर सेंट्रल एक्शन कमेटी में बिठाते।
प्रश्न: पिछली बार भाजपा के पास चेहरा नहीं था। इस बार भाजपा के पास मनोहर लाल खट््टर का चेहरा है? बतौर मुख्यमंत्री उनका काम कैसा है?
अजय सिंह यादव: वे पहली बार विधायक बने। आरएसएस के थे। दो ढाई साल तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। वे प्रशासनिक समझ नहीं। डेढ़ साल में कुछ किया। घोषणाएं ज्यादा कर दी। हर जिले में मेडिकल कालेज, आईआईटी खोलने की बात कर दी। वादे ज्यादा कर दिए, किया कुछ नहीं। हमारे समय में परिपक्व लोग थे। उनकी शादी नहीं हुई, तो उन्होंने अपने लिए कुछ नहीं बनाया। निजी तौर पर ईमानदार हैं, लेकिन बाकी ठीक नहीं।
प्रश्न: हरियाणा में सीधा मुकाबला कभी नहीं हुआ। क्षेत्रीय पार्टी हमेशा रही। इनेलो और जेजेपी के बाद अब क्या कहेंगे?
अजय सिंह यादव: हरियाणा में अब सिर्फ दो पार्टी है। भाजपा और कांग्रेस।
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