इनेलो का गढ़ है कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा की विधानसभा, कांग्रेस को जीत दिलाना होगी चुनौती

इनेलो का गढ़ है कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा की विधानसभा, कांग्रेस को जीत दिलाना होगी चुनौती
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हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा मूलरूप से उकलाना विधानसभा के प्रभूवाला गांव की रहने वाली हैं। यहां पर फिलहाल इनेलो का कब्जा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सामने इनेलो के गढ़ में सेंध लगाकर कांग्रेस को जीताना सबसे बड़ी चुनौती होगा।

हरियाणा में 2008 में अस्तित्व में आयी उकलाना विधानसभा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा का गृहक्षेत्र है। यहां पर दो बार विधानसभा चुनाव हुए जिसमें एक बार कांग्रेस तथा एक बार इनेलो ने जीत दर्ज की है। यहां से पहली बार कांग्रेस से नरेश सेलवाल विधायक बने थे। जबकि वर्तमान में अनूप धानक इनेलो से विधायक हैं। ऐसे में दोबारा से यहां पर कांग्रेस को जीत दिलाना कुमारी शैलजा के लिए चुनौती होगा।

उकलाना विधानसभा क्षेत्र इनेलो के गढ़ के रूप में जाना जाता है। परिसीमन के बाद जिन क्षेत्रों को जोड़कर उकलाना हलके का गठन किया गया था। उनमें इनेलो की तूती बोलती थी। वर्ष 2009 के चुनाव में लग रहा था कि इनेलो प्रत्याशी सीमा गैबीपुर कांग्रेस प्रत्याशी नरेश सेलवाल को आसानी से हराकर जीत जाएंगी। लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो सब चौक गए। जिले के सातों विधानसभा सीटों में से उकलाना से कांग्रेस प्रत्याशी नरेश सेलवाल ने सबसे कम वोटों अंतर से जीत दर्ज हलके का पहला ताज अपने नाम किया। वर्ष 2014 में नरेश सेलवाल ताज को बरकरार नहीं रख पाए और इनेलो प्रत्याशी अनूप धानक ने शानदार जीत कर इनेलो का परचम लहराया।

हल्के ने कांग्रेस को दिए हैं बड़े नेता




उकलाना हलके ने कांग्रेस को कई बड़े नेता दिए हैं। हलके में पड़ने वाले गांव प्रभुवाला की राजनीति में अपनी विशेष पहचान है। प्रभुवाला में जन्मे चौधरी दलबीर सिंह चार बार लोकसभा सांसद रहे और केंद्रीय मंत्री भी बने। उनके चचेरे भाई नेकीराम दो बार राज्यसभा से सांसद और एक बार रतिया सीट से विधायक निर्वाचित हुए। चौधरी दलबीर सिंह के बेटी कुमारी शैलजा भी चार बार लोकसभा सांसद और एक बाद राज्यसभा सांसद रही हैं। वे केंद्र में मंत्री पद का दायित्व संभाल चुकी हैं। इसके बाद अब कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल रही है।

महाभारत के बाद हुई थी स्थापना

उकलाना हलका राजनीतिक रूप से जरूर नया है लेकिन ऐतिहासिक दृष्टि से हलके में पड़ने वाला अग्रोहा विश्व के मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है। महाभारत के युद्ध के बाद महाराजा अग्रसेन ने माता महालक्ष्मी की कृपा से आग्रेय साम्राज्य की स्थापना की। अग्रोहा महाराजा अग्रसेन के राज्य की राजधानी थी। अग्रोहा धाम के बगल में ही कई टीले दिखाई पड़ेंगे। इन टीलों के बीच सबसे ऊंचे टीले की ऊंचाई 87 फुट है। जब यहां खुदाई हुई तब एक विध्वंस किए गए नगर के अवशेष मिलते है। इतिहासकार मानते है कि महाराजा अग्रसेन की राजधानी अग्रोहा यहीं हुआ करती थी। बताते है कि यहां की समृद्धि के कारण कई बार इस नगर पर विदेशी आक्रमण हुए। सबसे बड़ा आक्रमण सन् 1194 में मुहम्मद गोरी ने किया। उसने पूरे अग्रोहा को तहस-नहस कर दिया। उकलाना हलके के गांव बनभौरी में माता भ्रामरी देवी मंदिर भी देशभर के लोगों की आस्था का प्रतीक है। इसके अलावा पाबड़ा का चबूतरा, बिठमड़ा-समैण खाप भी हरियाणा में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है।

ये बने उकलाना विधानसभा से विधायक

2009

नरेश सेलवाल

कांग्रेस

2014

अनूप धानक

इनेलो

500 करोड़ रुपये के कराए विकास कार्य

उकलाना हलके में भाजपा से विधायक नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां पर करीब 500 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की। सीएम की घोषणा के बाद सरकारी कॉलेज, आईटीआई, सुरेवाला चौक के फोरलेन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। गांव खेदड़ से बरवाला मार्ग के फोरलेन का काम प्रगति पर है। गांव-गांव को तथा गांव को मंडियों से जोड़ने वाले लिंक रोडों का कार्य करवाया गया। नहरों की रिमॉडलिंग का कार्य करवाया गया।


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