Haryana Assembly Election : कुलदीप बिश्नोई का गढ़ भेदने के लिए भाजपा ने आदमपुर से सोनाली फोगाट को उतारा

Haryana Assembly Election : कुलदीप बिश्नोई का गढ़ भेदने के लिए भाजपा ने आदमपुर से सोनाली फोगाट को उतारा
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हरियाणा विधान सभा चुनाव (Haryana Assembly Election) में आदमपुर सीट (Adampur Seat) पर भजन लाल परिवार के बर्चस्व को देखते हुए कांग्रेस (Congress) ने कुलदीप बिश्नोई ( Kuldeep Bishnoi) को मैदान में उतारा है। भाजपा (BJP) से टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) के आने से अब यह हॉट सीट (Hot Seat) बन गई है।

हरियाणा राज्य के गठन के बाद से ही आदमपुर सीट पर भजनलाल परिवार का दबदबा रहा है। विधानसभा चुनाव 2014 तक हुए 12 चुनावों में से 11 में बिश्नोई परिवार को यहां से जीत मिली है। भाजपा ने इस बार आदमपुर से टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगाट को यहां से उतारकर इसे हॉट सीट बना दिया है। मशहूर टीवी कलाकार सोनाली भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष रही हैं। जिसका फायदा उन्हें इस बार चुनाव में मिला।

भाजपा सोनाली को उतारकर इस सीट पर भजनलाल परिवार के वर्चस्व को खत्म करना चाहती है। इसी मंशा से भाजपा ने किसी साधारण उम्मीदवार को चुनने के बजाय इस सीट सेलिब्रिटी को उतारना उचित समझा। आदमपुर से टिकट मिलने के बाद सोनाली के टिक-टॉक पर फॉलोअर्स की संख्या पहले कहीं अधिक बढ़ गई है।

विधानसभा 2014 में बिश्नोई को मिले 47 फीसदी वोट

बता दें कि आदमपुर सीट पर कुलदीप बिश्नोई पिछली बार भी जीते थे। उन्हें विधान सभा चुनाव 2014 में 47.10 फीसदी वोट मिले थे। जबकि पिछली बार वह अपनी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे। इस बार भजन लाल परिवार के वर्चस्व को देखते हुए कांग्रेस ने एक बार फिर से उन्हें पार्टी में जगह दी और आदमपुर से ही मैदान में उतारा है। अब कुलदीप बिश्नोई के सामने सीट बचाने की बड़ी चुनौती है। सोनाली के आने से अब कुलदीप बिश्नोई के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

जिसे देखते हुए बिश्नोई पहले से ही यहां डेरा डाला हुआ है और प्रचार में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो कुलदीप बिश्नोई ने गढ़ बचाने की चिंता में पत्नी की हांसी सीट को भी छोड़ दिया है। इससे पहले 2014 विधान सभा चुनाव में उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई हांसी से विधायक बनी थीं। लेकिन इस बार परिवार के कई सदस्यों को टिकट मिलने से रेणुका का टिकट संभव नहीं हो सका।

1968 से सीट पर रहा भजनलाल परिवार का कब्जा

आदमपुर सीट पर पहली बार 1967 में हरि सिंह जीते थे। लेकिन इसके बाद इस सीट पर 1968 से लगातार भजनलाल परिवार का कब्जा रहा है। भजनलाल लगातार1968,1972,1977,1982 में इस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके 1987 में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी विधायक बनीं। उसके बाद फिर भजनलाल लगातार चार बार 2005 तक चुनाव जीते। फिर इनके बेटे कुलदीप बिश्नोई 2009 और 2014 चुनाव में यहां से विधायक बनते आ रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा भजनलाल के गढ़ को भेदने में सफल होगा।

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