Naina Singh Chautala : चौधरी परिवार की पहली महिला जो पहुंची विधानसभा, कॉलेज में रहीं हैं बेस्ट एथलीट

Naina Singh Chautala : चौधरी परिवार की पहली महिला जो पहुंची विधानसभा, कॉलेज में रहीं हैं बेस्ट एथलीट
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चौधरी परिवार की पहली विधानसभा पहुंचने वाली महिला नैना चौटाला (Naina Singh Chautala) सुर्खियों में हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले (Haryana assembly Elections) इनेलो छोड़कर दुष्यंत चौटाला का साथ दिया।

डबवाली से पूर्व विधायक नैना सिंह चौटाला हरियाणा के मशहूर चौटाला परिवार से आती हैं। इनके पति अजय सिंह चौटाला हरियाणा से सांसद रहे हैं जो अभी जेल में हैं। इनके दोनों बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला राजनीति में हैं जिन्होंने पारिवारिक विवाद के बाद हाल में ही जननायक जनता दल पार्टी बनाई है। वह हरियाणा के उन चार विधायकों में से एक है। जिन्होंने इनेलो के टूटने के बाद नई पार्टी बनाने में दुष्यंत चौटाला का साथ दिया।

एनसीसी प्री-आरडी परेड में में लिया भाग

नैना चौटाला का जन्म 15 अक्टूबर 1966 को सिरसा के हिसार जिले में हुआ था। इनके पिता का नाम भीम सिंह गोदारा और माता का नाम कांता देवी है। इन्होंने सातवीं तक की पढ़ाई हिसार के नूर निवास हाई स्कूल से की। इसके बाद एफसी स्कूल हिसार में दाखिला लिया। दसवीं और उसके बाद इंटरमीडिएट नैना सिंह ने एफसी कॉलेज से किया और यहीं से उन्होंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। वह एफसी स्कूल से लेकर कॉलेज तक 14 वर्ष तक हॉस्टल की हेड गर्ल रहीं। नैना सिंह चौटाला ने राजनीति शास्त्र में एमए किया है। वह कालेज के दौरान एनसीसी कैडेट रही और कालेज की ओर से प्री आरडी कैंप (गणतंत्र दिवस समारोह परेड) में भाग लिया था।

कॉलेज में चुना गया बेस्ट एथलीट

नैना सिंह चौटाला को हिंदी, अग्रेजी के अलावा पंजाबी भाषा का भी ज्ञान है। वह राजनीति के अलावा महिला समाज सेवा और महिला उत्थान के भी कार्यों से जुड़ी रही हैं। पहली बार विधानसभा पहुंची देवीलाल परिवार की बहू नैना चौटाला अपने समय में अच्छी निशानेबाज भी रही हैं। शूटिंग में उन्होंने इंटर यूनिवर्सिटी में शूटिंग टीम का प्रतिनिधित्व किया था। इसके अलावा उन्हें कॉलेज का बेस्ट एथलीट भी चुना गया था।

विधान सभा में उठाया क्षेत्र का मुद्दा

नैना सिंह चौटाला ने विधायक रहते हुए डबवाली की समस्याओं को विधानसभा में उठाया। और डबवाली में बालिका शिक्षा पर भी जोर दिया। इन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की अन्य समस्याओं को भी उठाया। वह देवीलाल के परिवार की पहली महिला हैं जो विधानसभा पहुंची हैं। हलका डबवाली से पहली दफा चुनाव लड़ते हुए नैना चौटाला ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. केवी सिंह को 8545 मतों से हराया था।

विधान सभा से दिया इस्तीफा


परिवारिक लड़ाई के बाद नैना चौटाला ने अपने जजपा समर्थक चार इनेलो विधायकों के साथ 4 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने वाले विधायकों में नैना चौटाला, अनूप धानक, राजदीप फौगाट व पिरथी नंबरदार शामिल थे। चारों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा दिया था। इससे पहले चारों विधायकों के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत भी विधानसभा में मामला चल रहा था। इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ने इनेलो में रहते हुए चारों विधायकों के जजपा को समर्थन देने पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

पति जेल में, बेटे ने बनाई नई पार्टी

चौटाला परिवार में बहुओं का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं रहा। पति डॉ. अजय सिंह चौटाला के जेल में होने के कारण नैना सिंह ने चुनावी मैदान में कदम रखा। हरियाणा में चौटाला परिवार में मचे घमासान के बाद अजय चौटाला और उनके दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय ने अपनी अलग पार्टी का गठन किया। जिसका नाम जननायक जनता पार्टी रखा गया। नई पार्टी में दुष्यंत चौटाला को एक बार फिर हिसार से लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी बनाया गया। लेकिन वह सफल नहीं हो सके और उनकी पार्टी की 2019 के लोकसभा चुनावों में करारी शिकस्त हुई। भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की।

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