सुभाष बोले: कर्मभूमि रोहतक है, करनाल से चुनाव लड़ने को कह रही कांग्रेस, बता दूंगा कौन बनेगा बलि का बकरा

सुभाष बोले: कर्मभूमि रोहतक है, करनाल से चुनाव लड़ने को कह रही कांग्रेस, बता दूंगा कौन बनेगा बलि का बकरा
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रोहतक (Rohtak) से चुनाव (Haryana Assembly Election) लड़ने की इच्छा रखने वाले सुभाष बतरा पार्टी के इस फैसले से असमंजस की स्थिति में हैं। बतरा का कहना था कि करनाल से मुख्यमंत्री मनलोहर लाल (Manohar Lal) हैं, वे भी हमारे समाज से ही हैं, पार्टी ने मुझे वहां से चुनाव लड़वाने का फैसला क्यों लिया अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। फिलहाल अपने समर्थकों से राय शुमारी करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।

चुनाव सिर पर हैं, सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार घोषित करने के लिए मंथन कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस में अब भी घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस के पूर्व गृहमंत्री सुभाष बतरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनकी चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि उन्हें करनाल से मुख्यमंत्री के सामने चुनाव मैदान में उतारने की की तैयारी है।

कुमारी सैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में उन्हें करनाल से चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा है। कई दिन से हवा में ही बातें हो रही थी कि बतरा करनाल से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन विश्वास किसी को नहीं हो रहा था। रविवार को सुभाष बतरा से इस बारे में बात की गई तो स्थिति स्पष्ट हो गई।

उन्होंने साफ किया कि करनाल से चुनाव लड़ने के लिए मुझे कहा गया है। लेकिन मेरी कर्मभूमि हमेशा से ही रोहतक रही है। पंजाबियों के हितों के लिए मैं हमेशा लड़ा हूं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सुभाष बतरा को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो बतरा का कहना था कि मेरे पास तथ्य आने दो यह तो बता दूंगा बलि का बकरा कौन बनेगा।

रोहतक से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले सुभाष बतरा पार्टी के इस फैसले से असमंजस की स्थिति में हैं। बतरा का कहना था कि करनाल से मुख्यमंत्री मनलोहर लाल हैं, वे भी हमारे समाज से ही हैं, पार्टी ने मुझे वहां से चुनाव लड़वाने का फैसला क्यों लिया अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। फिलहाल अपने समर्थकों से राय शुमारी करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।

रोहतक मेरी कर्मभूमि, यहां से लड़वाओ

सुभाष बतरा ने कहा कि मुझे चुनाव प्रबंधन समिति और मैनीफेस्टो कमेटी के सदस्य बनाया गया। मुझे करनाल भेजने का फैसला कैसे लिया गया मुझे जानकारी ही नहीं दी गई। रोहतक मेरी पसंद है और 1996 में रोहतक से सेठ किशनदास को हराया था। बतरा ने इससे पहले 4 अगस्त को कार्यकर्ता सम्मेलन किया था, जिसमें पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा, शादीलाल बतरा और बीबी बतरा भी थे।

इस दौरान सुभाष बतरा ने खुलकर कहा था कि बंद कमरे में लिया गया फैसला नहीं माना जाएगा। उस समय उनका इशारा बीबी बतरा की तरफ था। सुभाष बतरा ने कहा उस समय कहा था कि कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है और अब वह घड़ी नजदीक आ गई है। बतरा ने कहा कि मुझे रोहतक पसंद है और यहां की जनता से राय लेकर रोहतक से टिकट दिया जाए।

सोनिया गांधी से मिलूंगा

करनाल से चुनाव लड़वाने के फैसले के बाद बतरा थोडे़ आहत नजर आए। रोहतक की राजनीति से उन्हें जानबूझकर अलग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं कल ही सोनिया गांधी से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत करवाऊंगा। पूछने पर उन्होंने कहा कि समय आने पर मैं खुलासा करूंगा। 17 साल तक जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान रहने के बावजूद, अब करनाल से चुनाव लड़वाना जंच नहीं रहा।

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