हरियाणा सरकार का चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक, यूपी के साथ सुलझाया जाएगा सीमा विवाद

हरियाणा सरकार का चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक, यूपी के साथ सुलझाया जाएगा सीमा विवाद
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हरियाणा-यूपी (Haryana-Up) के बीच सीमा विवाद (Border issue) दशकों से लंबित है। जिसके कारण नियमित अंतराल पर किसानों के बीच खूनी संघर्ष होता रहता है। दशकों के इंतजार के बाद अब हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana assembly election) से पहले सीमा विवाद सुलझाने की तैयारी है।

हरियाणा सरकार (Haryana Goverment) ने विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले मास्टर स्ट्रोक मारने की तैयारी की है। दशकों से लंबित सीमा विवाद (Border Issue) को विधानसभा चुनावों से पहले सुलझा लिया जाएगा। जिसका असर हरियाणा के 6 जिलों पर पड़ेगा। चुनाव से पहले सरकार के मास्टर स्ट्रोक से इन जिलों में भाजपा की स्थित मजबूत होगी।



सूत्रों के मुताबिक हरियाणा मुख्यमंत्री (Haryana Cm) मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री (Up Cm) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से बातचीत की है। जिसमें हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सीमा विवाद हल करने को लेकर योजना तैयार की गई है। दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने अधिकारियों को समन्वय बैठक कर चुनाव से पहले सीमा विवाद निपटारे के निर्देश दे दिए हैं। दोनों राज्यों की तरफ से जल्द सीमा विवाद को खत्म करने की घोषणा होगी। सूत्रों के मुताबिक सीमा विवाद दूर करने के लिए सर्वे किया जाएगा। यमुना के बहाव में बदलाव से यूपी की तरफ आ गई जमीन यूपी की होगी। जबकि हरियाणा की तरफ आयी जमीन हरियाणा सरकार की होगी।

तीन स्तर पर होगा कार्य

हरियाणा विधानसभा चुनावों में काफी कम वक्त बचा है। ऐसे में तेजी से सीमा विवाद हल करने के लिए तीन स्तर पर कार्य होगा। पहले स्तर पर उत्तर प्रदेश-हरियाणा के अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी बैठक कर मामले का हल निकलेंगे। इसमें जिलों के डीएम और राजस्व अधिकारी भी होंगे। दूसरे स्तर पर मुख्य सचिव स्तर पर कार्य होगा। तीसरे स्तर पर मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक में मामले का अंतिम हल निकालकर घोषणा की जाएगी।

ये है विवाद का कारण का कारण

यमुना का बहाव बदलने से यूपी की जमीन हरियाणा में चली गई। जबकि हरियाणा की जमीन यूपी में आ गई। जिसके कारण उपजे सीमा विवाद को खत्म करने के1974 से प्रयास चल रहे हैं। उस वक्त दीक्षित आयोग का गठन कर सर्वे किया गया। जिसके मुताबिक सीमा निर्धारित कर पिलर लगाए गए। लेकिन दोनों राज्यों के राजस्व रिकार्ड में जमीन का बदलाव नहीं किया गया।

दीक्षित आयोग ने सर्वे के बाद मामले के स्थायी समाधान को लेकर सुझाव दिया था। जिसमें कहा था कि यमुना का बहाव हरियाणा की तरफ चला जाए और जमीन यूपी की तरफ आ जाए तो भी जमीन पर कब्जा हरियाणा के किसानों का होगा। यदि यमुना का बहाव यूपी की तरफ चला जाए और जमीन हरियाणा की तरफ जाए तो भी कब्जा उत्तर प्रदेश के किसानों का होगा। लेकिन जैसे ही यमुना का बहाव बदलता है और जिस तरफ जमीन चली जाती है उस तरफ के किसान कब्जा कर लेते हैं। जिससे दशकों से यहां पर किसानों के बीच खूनी संघर्ष हो रहे हैं।

हरियाणा की सीमा यूपी से इन स्थानों पर लगती है

फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, होडल, सोनीपत, पानीपत, यमुनानगर।

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