हरियाणा सरकार की किलोमीटर स्कीम पर रोडवेज यूनियन दो भागों में बटी

हरियाणा सरकार की किलोमीटर स्कीम पर रोडवेज यूनियन दो भागों में बटी
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हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार की किलोमीटर स्कीम पर रोडवेज यूनियन में मतभेद हो गए हैं।

हरियाणा सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत शुरू की गई। प्राइवेट बसों के विरोध में 7 व 8 जनवरी को होने वाली चक्का जाम हड़ताल को लेकर रोडवेज की यूनियन दो भागों में बट गई हैं। एक तरफ रोडवेज चालक संघ ने इस हडताल का विरोध किया है। वहीं ऑल हरियाणा वर्कर्स यूनियन और मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने हड़ताल समर्थन किया है। रोडवेज चालक संघ का कहना है कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। इस हड़ताल को रोकने के लिए परिवहन विभाग से लेकर मंत्री तक जोर लगा रहे हैं। परिवहन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार किलोमीटर स्कीम रद्द करें।

हड़ताल को सफल बनाने को 200 टीमें उतरीं

चंडीगढ़ में सर्व कर्मचारी संघ ने हड़ताल की तैयारियों को लेकर पूरी ताकत झोंकने का निर्णय लिया गया। हरियाणा के केन्द्रीय कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों के अलावा संघ से संबंधित विभागीय संगठनों व जिला कमेटियों के नेतृत्व में 200 से ज्यादा टीमें फिल्ड मे उतरेंगी। सात जनवरी को मोटरसाइकिलों के जत्थों के साथ तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस हडताल में सभी यूनिवर्सिटी के कर्मचारी, 20 हजार बिजली कर्मचारी, नगर निकायों के 32 हजार कर्मचारी शामिल होंगे।

क्या है सरकार की किलोमीटर स्कीम

जिला में सरकार की किलोमीटर स्कीम के तहत 5 बसें चल सकेंगी, जबकि फिलहाल हरियाणा के विभिन्न जिलों में 190 बसें यात्रियों को सेवाएं देंगी। परिवहन मंत्रालय ने इन बसों की सूची आरटीए व जीएम कार्यालय को उपलब्ध करवा दी है, जबकि यह बसें जीएम रोडवेज के अधीन संचालित होंगी। इससे जिले में बसों के फेरे बढ़ने की उम्मीद है।

वहीं इससे करीब 45 गांव के यात्री लाभांवित होंगे। लेकिन रोडवेज कर्मचारियों को सरकार की यह नई पॉलिसी ठीक नहीं लग रही है, इसलिए उन्होंने किमी. स्कीम का विरोध जताने की रणनीति बना ली है। किलोमीटर स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि यह स्कीम किसी भी हालत में खत्म नहीं की जाएगी।


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