अनिल विज : हरियाणा का वो मिनिस्टर जिसने कांग्रेस के 'दामाद' का जीना हराम कर दिया

भाजपा पार्टी और संगठन मे अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले अनिल विज को 2014 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद खट्टर कैबिनेट में जगह मिली और उन्हें स्वास्थ्य व खेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया। अंबाला विधान सभा क्षेत्र से आने वाले अनिल विज 2014 के चुनावों में हरियाणा मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में शामिल थे लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनको पछाड़कर बाजी मार ली।
15 मार्च 1953 को अंबाला कैंट के भीम सेन में जन्में अनिल विज ने 1968 में बनारसी दास हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर 1972 में सनातन धर्म कॉलेज से स्नातक किया। अंबाला कैंट के रहने वाले विज अविवाहित हैं और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हैं। अनिल विज अंबाला छावनी सीट से चौथी बार चुनाव जीतकर मंत्री बने हैं। वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के स्थायी सदस्यों में से हैं।
भूमि अधिग्रहण मामले में राबर्ट वाड्रा के खिलाफ शुरू करवाई जांच
अनिल विज का नाम राष्ट्रीय स्तर पर तब चर्चा में आया जब उन्होंने हरियाणा के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जमीन घोटालों की जांच शुरू करवाई। जांच मे बड़ा घोटाला सामने आया और पता चला कि हुड्डा सरकार द्वारा अधिग्रहित 70,000 एकड़ जमीन के बड़े भूभाग का उपयोग निजी कार्यों के लिए किया गया है। उन्होंने इस मामले की आगे जांच के आदेश दिेए और कहा कि पता लगाया जाएगा कि अधिग्रहित भूमि का उपयोग उस उद्देश्य के लिए किया गया या नहीं जिसके लिए इसे पहले अधिग्रहित किया गया था। मामले की अब तक जांच चल रही है।
विवादों से जुड़ा इनका नाम, जब ताजमहल को बताया खूबसूरत कब्रिस्तान
अनिल विज का विवादों से बहुत गहरा नाता रहा है और हरियाणा राजनीति में वह अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में बने रहते हैं। सन् 2017 में ताजमाहल को एक खूबसूरत कब्रिस्तान कहकर वह विवादों में आ गए थे। अभी हाल ही के दिनों में वह एक बार फिर से तब विवादों में आ गए जब एक भाषण के दौरान अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा को रिजेक्टेड माल बताया, इसी दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा को हरियाणा राजनीति का लगड़ा घोड़ा बताया।
विवादित बयानों के चलते पहले हो चुकी है विधानसभा सदस्यता बर्खास्त
अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में बने रहने वाले अनिल विज 4 मार्च 2014 को उस वक्त विवादों में फंस गए जब उन्हें एक महिला मंत्री के खिलाफ अवांछित टिप्पणी करने के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। घटना उस समय हुई जब विज विधानसभा में विनियोग विधेयक पर बोल रहे थे।
अपने भाषण के दौरान उन्होंने हरियाणा की तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। जिसके बाद उन्हें अपने शब्दों को वापस लेने के लिए कहा गया। लेकिन उनके ऐसा न करने पर नाराज होकर तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उनके खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करवाया और उन्हे विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।
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