Haryana : एचएयू हिसार में स्थापित होगी प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी

Haryana : एचएयू हिसार में स्थापित होगी प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी
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हरियाणा सरकार(Haryana Government) ने जैविक खेती के बढ़ावा देने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी स्थापित करने का निर्णय लिया है।यह एजेंसी होका के नाम से जानी जाएगी।

हिसार। प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University) हिसार में हरियाणा सरकार ने प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह एजेंसी हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (होका) के रूप में जानी जाएगी। यह जानकारी कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि यह सोसाइटी एक राज्य सहायता प्राप्त जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण के रूप में काम करेगी। विश्वविद्यालय ने हरियाणा पंजीकरण और विनियमन अधिनियम-2012 के तहत होका का सोसायटी के रूप में पंजीकरण करवा लिया है। उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष / अध्यक्ष तथा दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र के नियन्त्रण अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद् निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार से होका को मान्यता दिलाने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है। इसके बाद प्रदेश व हरियाणा से बाहर जैविक उत्पादों के विपणन व निर्यात में कोई बाधा नहीं आएगी।

राज्य में कोई भी सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी नहीं थी

उन्होंने कहा कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी व दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र आपस में साथ मिलकर काम करेंगें। विश्वविद्यालय अपनी प्रयोगशालाओं को और अधिक मजबूत करने के साथ-साथ परीक्षण सेवाओं को भी बढ़ावा देगा। इससे पहले हरियाणा राज्य में कोई भी सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी नहीं थी । इसलिए किसानों को थर्ड पार्टी प्रमाणीकरण निजी प्रयोगशालाओं तथा अन्य राज्यों की एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिसके कारण प्रदेश के कई किसान अपने जैविक उत्पाद् का परीक्षण नही करवा पाते थे व जैविक प्रमाणीकरण प्रमाणपत्र न होने के कारण उन्हें अपना जैविक उत्पाद् सामान्य श्रेणी के उत्पाद् के अनुसार कम मूल्य में बेचना पड़ता था । अब इस संस्था के स्थापित होने पर प्रदेश के किसानों को जैविक उत्पाद़ प्रमाणीकरण से जुड़ी सभी जानकारियों का समय पर पता चल पायेगा और वे अपने जैविक उत्पाद़ को उचित मूल्य पर बेच पायेगें, साथ ही राज्य के नागरिकों को शुद्ध जैविक खाद्य उत्पाद् प्राप्त होगें और उनका विश्वास प्रदेश के किसानों में बढ़ेगा।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो.के.पी. सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में ऐसी एजेंसी को स्थापित करने की मान्यता देना जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत ही सराहनीय कदम है। इससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लक्ष्य में भी मदद मिलेगी।


फोटो कैप्शंन: पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह।

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