सातवीं पास हवा सिंह कर रहा स्ट्रॉबेरी की खेती, पांच बीघा में 36 फसलें उगाकर बना लखपति

हरियाणा के जींद में आधा एकड़ जमीन में 36 वैरायटियों की सब्जियां पैदा करने वाले छोटे से किसान का जिक्र आज विदेशों में भी हो रहा है। छोटे से खेत में पैदा हो रही सब्जियां का स्वाद जिला के आला अधिकारी भी चख चुके हैं। आसपास जिलों के अलावा दूसरे राज्यों से किसान आधा एकड़ में किए जा रहे कमाल को देखने आ रहे हैं। सब्जियों की डिमांड इतनी जबरदस्त की एडवांस में बुकिंग हो रही है।
सालभर में मुनाफा इतना की पांच एकड़ खेतीबाड़ी करने वाले को मात दे जाए। जिक्र है गांव अमरेहड़ी के किसान हवा सिंह का। जो अपने आधा एकड़ खेत में 36 वैरायटियों की सब्जियां और आधा दर्जन के लगभग फल वैरायटियों को उगा रहे हैं। जो सब्जियां मंडी में उपलब्ध नहीं हो पाती वे सब्जियां हवा सिंह के खेत में देखी जा सकती हैं। हवा सिंह ने थोड़ी-थोड़ी करके खेत में विभिन्न प्रकार की सब्जियां लगाई हुई हैं।
खास बात यह है कि उसके खेत में जीरो डिग्री से लेकर उच्च तापमान में पैदा होने वाली सब्जियां शामिल हैं। जिसमें स्ट्राबेरी, ब्रोकली, सलाद पत्ता, धनिया, पदीना, मैथी, टिंडा, अरबी, मिर्च, फूल गोभी, बंद गोभी, भिंडी, जुगनू पेठा, अदरक, हलदी के साथ-साथ मौसमी सब्जियां शामिल हैं। जिसके भाव भी अच्छे खासे हवा सिंह को मिल रहे है।
इस समय उसकी स्ट्राबेरी 250 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है। इसी प्रकार सलाद पत्ता 400 रुपये, पदीना 300 रुपये, सरसों का साग 50 रुपये तक बिक रहा है। आसपास के अलावा दूसरे रा'यों के किसान भी हवा सिंह की अनूठी खेती को देखने आ रहे हैं। जिसके चलते हवा सिंह की पहचान एक सब्जी एक्सपर्ट किसान के रूप में बन चुकी है।
सातवीं तक पढ़ा लिखा है हवा सिंह
खास बात यह हैं की किसान हवासिंह सातवीं कक्षा तक ही पढ़ा लिखा हैं सब्जी उगाने के लिए वह किसी के पास या कृषि विभाग के पास कोई ट्रेनिंग लेने तक नहीं गया। पिछले 30 सालो से वह सिर्फ सब्जी की ही खेती कर रहा हैं और उसे सब्जी मंडी ले जाकर आढ़तियों के मार्फत न बेचकर खुद ही बेचता हैं। ज्यादात्तर सब्जियां खेत में ही बिक जाती हैं। आधा एकड़ जमीन का मालिक होने के बाद भी उसके पास ट्रैक्टर से लेकर खेती करने के तमाम कृषि यंत्र उपलब्ध हैं।
डिमांड को ध्यान में रखकर पैदा करता है सब्जियां
हवा सिंह ने बताया कि परपरागत खेती हर कोई करता है, वह उन वैरायटियों के उत्पादन पर जोर रखता है जो आसपास के इलाकों में पैदा नहीं होती ओर विशेष अवसरों पर उनकी डिमांड अच्छी होती है। जिसे बेमौसमी सब्जियां भी कहा जाता है। फिलहाल स्ट्राबेरी, हरा धनिया, ब्रोकली, पुदीना की अच्छी खासी डिमांड है। अलग-अलग वैरायटी की सब्जियां उगा कर वह सालाना आधा एकड़ जमीन से चार से पांच लाख रुपये तक मुनाफा कमा रहा है। उसने अपने खेत में 12 मासी नींबू, केला, अनानास समेत कुछ अन्य फलदार पौधे भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त में कनाडा से एक व्यक्ति उसके पास सब्जी उत्पादन में सहयोग तथा जानकारी लेने के लिए आ रहा है। प्रदेश के अलावा दूसरे रा'यों से भी किसान उसकी सब्जियां देखने आ रहे हैं और जानकारी भी ले रहे हैं। सब्जियों को वह आर्गेनिक आधार पर उगा रहा है। जिले के बड़े अधिकारी भी उसके खेत से सब्जियां लेकर जा रहे हैं।
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