हरियाणा: लॉक डाउन में जेल से अंतरिम जमानत पर छूटे बंदी बने पुलिस के लिए सिरदर्द, नजर रखना हुआ मुश्किल

हरियाणा: लॉक डाउन में जेल से अंतरिम जमानत पर छूटे बंदी बने पुलिस के लिए सिरदर्द, नजर रखना हुआ मुश्किल
X
हरियाणा में लॉकडाउन के बीच सलाखों से बाहर आए बंदी पुलिस के लिए टेंशन बन गए हैं। वहीं पुलिस को डर कहीं वारदात या फिर गवाहों को धमकी न दे दें। इस दौरन कई बदमाशों को पकड़ा भी है।

रेवाड़ी। मुकेश शर्मा

लॉक डाउन के इस दौर में सलाखों से बाहर आए बंदी भी पुलिस के लिए टेंशन बन गए हैं। एक तरफ पुलिसकर्मियों को क्षेत्र में लॉकडाउन का पूर्ण रूप से पालन कराने के लिए रात-दिन दौड़ना पड़ रहा है। वहीं अब जेल से रिहा होकर आए इन बंदियों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए ये बंदी इलाके में किसी आपराधिक घटना को अंजाम या फिर किसी गवाह को कोई धमकी न दे दें।

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 7 साल की कम सजा वाली धाराओं में जेल में बंद बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। इसी के चलते पिछले कुछ दिनों के अंदर जिले के करीब 30 से ज्यादा बंदियों को गुरुग्राम की भोंडसी, नारनौल व रेवाड़ी जेल से अंतरिम जमानत के प्रार्थना पत्रों पर रिहाई के आदेश हुए। यह सभी जेल की सलाखों से निकलकर अपने शहर में भी आ चुके है। कुछ बंदियों के रिहा करने की प्रक्रिया अभी पेंडिंग है।

कोर्ट ने संबंधित थानों को यह भी आदेश दिया है कि वह इन अपराधी किस्म के लोगों की गतिविधियों पर भी पूरी नजर रखें। ऐेसे में पुलिस के लिए अपराधियों पर नजर रखने के साथ-साथ अंतरिम जमानत पर रिहा हुए लोगों के बारे में बराबर सूचना रखना और फिर लॉकडाउन की सख्ताई से पालना कराना भी जरूरी है। पुलिस की टेंशन इसलिए भी बढ़ी हुई है कि कहीं कोई अपराधिक वारदात को अंजाम ना दे दें। कई ऐसे भी लोग है, जिनके मामले कोर्ट में विचारधीन है और उन्हें जमानत मिल गई है। ऐसे में वह कहीं केस से जुड़े गवाह को धमकी ना दे।

कई बदमाश पकड़े जा चुके

लॉक डाउन के दौरान रेवाड़ी सीआईए के अलावा विभिन्न थानों की पुलिस ने कई ऐसे बदमाशों को पकड़ा भी है, जो हाल ही में जेल से जमानत पर छूट कर आए थे और उन पर निगरानी रखी गई तो वह हथियारों के साथ पकड़े गए। कई बदमाश आर्म्स एक्ट के मामलों में कोर्ट से जमानत लेकर दोबारा बाहर भी आ गए है।

हर समय नजर रखना मुश्किल

हाल में पुलिस की प्राथमिकता लॉक डाउन की सख्ताई से पालना कराने की है, लेकिन ऐसे में पुलिस के सामने अपराधियों पर नजर रखने का भी दबाव बढ़ गया है। हालांकि कुछ माह के दौरान जिला पुलिस ने शहर के अधिकांश बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे भेज भी दिया है। उनमें कुछ बदमाश या तो जमानत पर बाहर आ गए या फिर जेल मेन्युअल के हिसाब से छुट्टी पर लौटे है। कुछ बदमाश सजा पूरी होने पर भी जेल से रिहा होकर आए है। ऐेसे में हर पल बदमाशों की गतिविधियों पर नजर रखना पुलिस के लिए मुश्किल है।

पुलिस की धर पकड़ से दिखी झलक

पिछले एक माह की बात करें तो पुलिस ने बड़े स्तर पर सर्च अभियान चलाया है। फिरौती, हत्या का प्रयास, लूट, हत्या व डकैती के मामलों में कुछ माह के दौरान जेल से छूटकर आए बदमाशों को हथियार या फिर अन्य किसी संगीन मामले में गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेजा है। उनमें एक-दो ऐसे भी बदमाश है, जिन्हें कोर्ट से दोबारा जमानत मिल गई है। लॉकडाउन की अवधि अगर एक बार फिर बढ़ती है तो पुलिस के लिए ओर भी मुश्किल होगी।

अपराधियों पर पुलिस की पैनी नजर

जमानत या फिर छुट्टी पर आए अपराधियों पर पुलिस की पैनी नजर है। पुलिस लॉकडाउन की पालना तो करा ही रही है, साथ ही अपराधियों पर भी नजर रख रही है। हमारी सीआईए टीमों ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई अपराधियों को पकड़ा भी है। अपराधियों की हर गतिविधियों पर पुलिस की नजर है।- हंसराज, डीएसपी, हैडक्वार्टर।

Tags

Next Story