Kurukshetra : पिपली चिड़ियाघर में शेरनी साक्षी ने तीन शावकों को दिया जन्म, एक की मौत

Kurukshetra : पिपली चिड़ियाघर में शेरनी साक्षी ने तीन शावकों को दिया जन्म, एक की मौत
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पिपली चिड़ियाघर में एक बार फिर नन्हे शावकों की गूंज सुनाई दे रही है। शेरनी साक्षी ने 3 शावकों को जन्म दिया है, एक शावक की कमजोरी के कारण मौत हो गई। वहीं इन दोनों शावकों व साक्षी की देखभाल चिड़ियाघर के अधिकारी सीसीटीवी से ही कर रहे है।

कुरुक्षेत्र। पिपली चिड़ियाघर (Pipli Zoo) में एक बार फिर शेरनी साक्षी के दो नन्हे शावकों की गूंज सुनाई दे रही है। इस चिड़ियाघर में शेरनी साक्षी ने को 3 शावकों को जन्म दिया है। इन शावकों में एक शावक की कमजोरी के कारण 48 घंटे के अंदर ही मौत death हो गई थी, इस मृतक शावक को साक्षी ने स्वयं अपने दोनों शावकों से अलग कर दिया था ताकि दूसरे बच्चे संक्रमण से बचे रहे। इस बार साक्षी स्वयं अपने बच्चों को दूध पिलाकर पालन पोषण कर रही है। इन दोनों बच्चों और मां की देखभाल पर चिड़ियाघर के अधिकारी सीसीटीवी से ही निगरानी कर रहे है।

अहम पहलू यह है कि साक्षी को चिकित्सक डा. अशोक खासा की सलाह के अनुसार खाना दिया जा रहा है। इतना ही नहीं शेर गीत को भी अलग रखा जा रहा है ताकि साक्षी अपने बच्चों की देखभाल ठीक ढंग से कर सके। पिपली चिडि़याघर के निरीक्षक तेजबीर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि साक्षी ने 3 बच्चों को जन्म दिया था, जिनमें से दो बच्चों की देखभाल स्वयं साक्षी कर रही है और उनको दूध भी पिला रही है। इस समय अधिकारी और कर्मचारी केवल सीसीटीवी की नजर से ही साक्षी और उनके दोनों बच्चों पर नजर रखे हुए है। साक्षी को चिकित्सक डा. अशोक खासा की सलाह के अनुसार भोजना दिया जा रहा है।

चौथी बार मां बनी शेरनी

निरीक्षक तेजबीर सिंह ने बताया कि साक्षी ने 7 जून 2018 को 5 शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से दो की मौत 24 घंटे बाद हो गई थी और 3 शावकों सुधा, गीता और अर्जुन को अमेरिका से दूध मंगाकर पाला गया, अब यह तीनों शावक रोहतक चिड़ियाघर में है। हालांकि साक्षी चौथी बार मां बनी है, इससे पहले 5 मई 2017 को साक्षी ने 3 शावकों और 2 दिसम्बर 2016 को साक्षी ने दो शावकों को जन्म दिया था, लेकिन यह शावक बच नहीं पाए थे। उन्होंने बताया कि साक्षी व गीत को 2015 में गुजरात के जूनागढ़ से लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि साक्षी अपने दोनों बच्चों के साथ 24 घंटे रह रही है और यहां पर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है और तीनों 24 घंटे सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। इन शावकों के जन्म से पिपली चिडि़याघर के सभी अधिकारी और कर्मचारी काफी खुश है। इसकी रिपोर्ट नियमित रुप से मुख्यालय को दी जा रही है।


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