कोरोना का साइड इफेक्ट : Haryana में लॉकडाउन से ईंट भट्ठा व्यवसाय को बहुत बड़ा नुकसान

बहादुरगढ़। ईंट-भट्टा उद्योग(Brick kiln industry) पर भी काेरोना की मार बुरी तरह पड़ी हैं लेकिन अब लॉकडाउन(Lockdown) की पाबंदी से छूट मिलने के बाद बड़े स्तर पर फैला ईंट भट्ठा उद्योग का संचालन शुरू हो गया है। झज्जर जिले (Jhajjar District) में करीब 360 से अधिक संचालित ईंट भट्ठा उद्योग में करीब 500 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार होता है। यहां की मिट्टी का असर है कि निर्मित ईंट की दूसरे जिलों में भी आपूर्ति बराबर होती है। उद्योग से हजारों व्यक्तियों को रोजगार सुलभ होने के साथ अन्य प्रांतों से आने वाले हजारों मजदूरों को रोजगार सुलभ कराता है।
बता दें कि कोरोना की जंग में लॉकडाउन से ईंट भट्ठा उद्योग को भी हुआ काफी नुकसान हुआ है। लॉकडाउन की पाबंदी में छूट मिलने के साथ ही यह उद्योग दौड़ने के लिए उठ खड़ा हो गया है। हालांकि अन्य प्रांतों से आने वाले मजदूर नहीं आ पा रहे हैं। स्थानीय मजदूरों के सहारे तकरीबन 95 फीसद उद्योग संचालित हो रहे हैं। गर्मी का मौसम ईंट भट्ठे के संचालन का आखिरी दौर होता है। लॉकडाउन से पहले ही करीब तीन महीने कारोबार पूरी तरह से ठप रहा। इससे प्रत्येक भट्ठा संचालक को लाखों रुपये का नुकसान भी हुआ है। करीब 40 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग से रोजगार मिलता है।
स्थिति में सुधार होगा
लॉकडाउन से ईंट भट्ठा व्यवसाय को बहुत बड़ी क्षति हुई है। लॉकडाउन की पाबंदी में छूट मिलने के बाद ईंट भट्ठा व्यवसाय संचालित होने को उठ खड़ा हुआ है। इस बार अभी अच्छी मांग भी है। सब कुछ ठीक रहा तो स्थिति में सुधार होगा। - रामदास डागर, उपाध्यक्ष, हरियाणा ईंट भट्ठा एसोसिएशन
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