लोकसभा चुनाव 2019: पिछले दो दशक से 'अति संवेदनशील' मतदान केन्द्र का टैग हटाना में लगा हरियाणा का ये गांव

लोकसभा चुनाव के इस मौसम में हरियाणा के जुई खुर्द गांव के लोगों की मांग अलग तरह की है। गांव वाले चाहते हैं कि दो दशक पहले गांव पर लगा 'अति संवेदनशील' मतदान केन्द्र का टैग हट जाए।
चुनाव आयोग ने 1989 में चुनाव के दौरान दो समूहों के बीच संघर्ष में गोली चलने से एक व्यक्ति के मौत के बाद हरियाणा के भिवानी-महेन्द्रगढ़ संसदीय सीट के जुई मतदान केन्द्र को 'अति संवेदनशील' घोषित कर दिया था। गांव वालों के मुताबिक, इसके बाद से गांव के लिए यह एक स्थायी टैग हो गया जो इसकी छवि प्रदर्शित करती है। इस गांव की आबादी 6000 से अधिक है जिसकी प्रमुख एक महिला सरपंच है।
गांव की सरपंच रूप पति ने पीटीआई-भाषा को बताया कि घटना के बाद से सात आम चुनाव हुए हैं और उनमें से सभी शांतिपूर्ण रहे हैं। हालांकि, हम अभी भी स्थायी बन गये टैग को झेल रहे हैं। गांव बहुत विकसित हो गया है और हम प्रगति से खुश हैं लेकिन इसके अति संवेदनशील होने से न केवल हमारी छवि प्रभावित होती है बल्कि भविष्य की संभावनाएं भी प्रभावित होती हैं।
उन्होंने कहा कि इतने वक्त में कोई दुर्घटना नहीं हुई है तो ऐसे में हम सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग से भी अपील करते रहे हैं कि इसकी समीक्षा की जाए और अति संवेदनशील के टैग को हटाया जाए।
सरपंच का अगला चुनाव लड़ने की योजना बना रहे रमेश बहादुर के मुताबिक, चुनाव आयोग कोई नई जांच किए बिना पुरानी सूची को दोहराता रहता है। भिवानी-महेन्द्रगढ़ संसदीय क्षेत्र हरियाणा की उन 10 लोकसभा सीटों में शामिल है जिनमें 12 मई को मतदान होना है।
इस सीट पर दो महिला प्रत्याशी भी मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से सांसद धरमबीर सिंह को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को मैदान में उतारा है। आप-जेजेपी की ओर से स्वाति यादव मैदान में हैं और इनेलो ने बलवान यादव को प्रत्याशी बनाया है।
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