Rohtak : राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए मुकेश, लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

रोहतक (Rohtak) जिले के महम निवासी मुकेश का बुधवार को महम में राजकीय सम्मान (State honor) के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके सम्मान में पुलिस व आईटीबीपी की टुकड़ियों ने सलामी दी। भारत माता की जय के नारे के साथ गमगीन माहौल में उनके अंतिम संस्कार (Funeral) में प्रसाशनिक अधिकारी व क्षेत्र के हजारों लोग शामिल हुए। इस मौके पर मौजूद हर कोई अंतिम दर्शन करना चाहता था।
आईटीबीपी (ITBP) के अधिकारियों , एसडीएम अभिषेक मीणा, नायब तहसीलदार राजकुमार शर्मा, सांसद रामचंद्र जांगड़ा,विधायक बलराज कुंडू, भाजपा नेता शमशेर खरकड़ा सहित अन्य गणमान्य लोगों ने उनको पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आपको बता दें कि महम निवासी मुकेश आईटीबीपी में बतौर सिपाही सेवारत था। वह 7 मई दोपहर करीब 12 बजे अरूणचल प्रदेश के बदर क्षेत्र में पट्रोलिंग करते समय पैर फिसलने से गहरी खाई में गिरने के बाद लापता हो गया था। तब से ही रेसक्यू टीम उसको खोजने में लगी हुई थी। रविवार को चार दिन की कड़ी मशकत के बाद टीम को उसका शव मिला। बुधवार सुबह पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान महम लाया गया।
गुरुवार से ही अनहोनी का अनुमान लगाया जा रहा था
गुरुवार (7 मई) शाम करीब 4 बजे आइटीबीपी कार्यालय से मुकेश के घर फोन आया था। फोन मुकेश की माता ने उठाया तो उन्होंने बिना कुछ बताए उसके पिता का मोबाइल नंबर मांगा। जिससे उसकी माता चिंतित हो गई और उन्होंने पूरे मामले के बारे में बताने का कहा। लेकिन उन्होंने पिता रामरूप से बात करवाने को कहते हुए कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। उसके बाद उसके पिता का नंबर लेकर फोन कर घटना की जानकारी दी। काफी गहरी खाई में गिरने की खबर के बाद ही अनहोनी की आशंका जताई जा रही थी। आखिर वही हुआ जिसका शक था। रविवार को वह मृत अवस्था में मिला।
साढे चार साल पहले हुई थी शादी
मुकेश की शादी 20 मई 2015 को रेनू बाला के साथ हुई थी। रेनूबाला एमए की पढ़ाई कर रही है। इनकी अभी कोई संतान नहीं है। मुकेश का 2011 में आइटीबीपी में चयन हुआ था। 31 दिसंबर 2019 को दिल्ली से अरूणांचल प्रदेश में तबादल हुआ था। मुकेश के दो भाई व एक बहन है। पिता व दोनो भाई मजदूरी करते हैं।
विधायक ने कहा वह अपने निजी कोष बनवाएंगे समाधि स्थल
विधायक बलराज कुंडू ने सैनिक के खो जाने का दुख जताते हुए कहा कि सरकार से जो भी हो सकेगा वह सहायता दिलवाएगा। इसके अलावा वह अपने निजी कोष से सैनिक का समाधि स्थल बनावाने के साथ जो भी परिवार की मदद हो सकेगी करने के लिए तैयार है
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