Haryana: शराब घोटाले में कई अधिकारी और सफेदपोश जांच के दायरे में, भूपेंद्र सिंह फरार

चंडीगढ़। लाक डाउन के बावजूद शराब की तस्करी औऱ खरखौदा गोदाम से माल निकालने के मामले में कईं बड़े नाम व सफेदपोश पर शिकंजा कसने की तैयारी है। बीती रात 97 लाख रुपये औऱ चार मोबाइल के साथ ही एक रेंज रोवर गाड़ी पुलिस ने कब्जे में ली है।
हरियाणा में हुए सैकड़ों करोड़ शराब घोटाले में कई अधिकारी और सफेदपोश जांच के दायरे में आएंगे। हरियाणा पुलिस, पंजाब पुलिस, चंडीगढ़ पुलिस ने संयुक्त तौर पर चंडीगढ़ के सेक्टर 50 के थाना क्षेत्र स्थित घर पर दबिश दी परंतु किंगपिन भूपेंद्र सिंह फरार हो गया है। पुलिस टीमों ने मौके से रेंज रोवर गाड़ी, दो पिस्टल, 97 लाख कैश और चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। पूरे मामले में जांच में मोबाइल फोन के माध्यम से कई राज खुलने की उम्मीद है। पूरे मामले में शराब किंग भूपेंद्र का हरियाणा सचिवालय में बेरोकटोक आना-जाना कईं अफसरों और राजनेताओं से संबंध बताए जा रहे हैं।
बता दे कि सोनीपत के खरखौदा स्थित शराब गोदाम से पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से सैकड़ों करोड़ रुपए की शराब चोरी हो गई। इस बात का खुलासा होते ही गृह मंत्री अनिल विज के आदेशों पर स्थानीय पुलिस थानों के दो इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया था। प्रथम दृष्टया मामले की जांच के लिए रोहतक रेंज के एडीजीपी संदीप खिरवार के आदेशों पर रोहतक के पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक एसआईटी बनाई गई है जो मामले की तह तक जाने में जुट गई है। एसआईटी की अगुवाई में ही गोदाम के मालिक और मामले के किंगपिन भूपेंद्र सिंह के चंडीगढ़ निवास पर रेड की गई थी। जबकि सरकार की ओर से आईएएस अफसर की अध्यक्षता वाली एसआईटी के गठित होने का इंतजार है।
मोबाइल फोन के नम्बरों को खंगालने में जुटी पुलिस
मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के घर से रेड में मिले चार मोबाइल फोन को अब पुलिस खंगालने में जुट गई है। पुलिस को यकीन है कि मौके से बरामद टेलीफोन बोलेगा और कईयों के राज खोलेगा। सूत्रों का यकीन है कि फरार आरोपी का हरियाणा सचिवालय में बेरोक टोक आना जाना था। वह यहां पर कई अधिकारियों के पास भी बैठा पाया जाता था। अब इस मामले में होने वली जांच दूध का दूध और पानी का पानी करेगी।
बेनकाब हों सभी, इसलिए खेमका के नाम को दी अहमियत : विज
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि शराब घोटाले का यह मामला बहुत बड़ा है और इसमें कई अफसर और सफेदपोश लोग भी संलिप्त पाए जा सकते हैं। यही वजह रही कि मैंने एसआईटी हेड करने के लिए ईमानदार और तेजतर्रार आईएएस अफसर अशोक खेमका का नाम प्रमुखता से रखा है। विज ने कहा कि मुझे यकीन है कि खेमका की जांच में सभी संलिप्त पाए जाने वाले अधिकारी बेनकाब हो सकते है। हालांकि विज ने यह भी कहा कि अन्य दो वरिष्ठ अधिकारी भी जांच में सक्षम हैं, लेकिन खेमका के माध्यम से जांच हो जाए तो क्या बात है। साथ ही विज ने यह भी कहा कि सीएम सुप्रीम हैं। उनकी पावर है कि वह किसी भी अफसर से जांच करा सकते हैं।
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