Haryana : पचास दिन बाद लॉकडाउन के बीच फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू

Haryana : पचास दिन बाद लॉकडाउन के बीच फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू
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कोरोना महामारी (Corona epidemic) और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच बहादुरगढ़ में उद्योगों के पहिये घूमने लगे हैं। प्रशासन ने अब तक 12 सौ से अधिक फैक्ट्रियों (Factories) को चलाने की अनुमति दे दी है। सोमवार को इनमें से कई फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो गया।

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

प्रशासन (Administration) ने अब तक 12 सौ से अधिक फैक्ट्रियों (Factories) को चलाने की अनुमति दे दी है। सोमवार को इनमें से कई फैक्ट्रियों में उत्पादन (Production) शुरू हो गया है। इनमें भी औसत 30 फीसदी कर्मचारी(Staff) ही वापस लौटे हैं। हालांकि यह संख्या बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र (Bahadurgarh Industrial Area) के रुतबे के सामने कुछ भी नहीं है। वैसे, 50 फीसदी फैक्ट्रियां अगले एक सप्ताह में और चलने लगेंगी। कोरोना संकट (Corona crisis) के चलते बीते 50 दिनों से बंद औद्योगिक क्षेत्र में बहुत कुछ बदल गया है। फैक्ट्रियों के बाहर चहलकदमी तो जरूर शुरू हो गई है, लेकिन रौनक नहीं है।

कोरोना की मार और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच बहादुरगढ़ में उद्योगों के पहिये घूमने लगे हैं। इससे कामगारों को रोजगार मिल रहा है और राज्य में अर्थ व्यवस्था सामान्य होने की उम्मीद बढ़ी है। फुटवीयर इंडस्ट्री में भी काम शुरू हो गया है। अन्य फैक्ट्रियों में भी उत्पादन शुरू हो गया है। बता दें कि बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में छोटी-बड़ी कुल पांच हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें एक लाख से अधिक कर्मचारी और श्रमिक प्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं। हजारों लोग फैक्ट्रियों में काम करने वालों की बदौलत तरह-तरह की दुकानों में अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाते हैं। उद्योगों में काम शुरू होने से श्रमिकों में उम्मीद जगी है और उनके अपने प्रदेश लौटने का रुझान कम होने लगा है। हालांकि फैक्ट्रियों ने अभी पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू नहीं किया है, लेकिन प्लांट्स को प्रोसेसिंग में लाकर श्रमिकों को काम देकर उन्हें आर्थिक मंदी से बचाने की कोशिश की जा रही है।

संसाधनों की कमी आड़े आ रही

औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों में सोमवार को श्रमिक भी पहुंचे और उत्पादन भी शुरू हुआ। हालांकि लॉकडाउन से पहले नजर आने वाला फैक्ट्रियों में काम करने वालों का हुजूम अभी गायब है। बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र छिकारा बताते हैं कि हालात पहले जैसे होने में छह महीने से अधिक समय लग जाएगा। लॉकडाउन में उद्यमी टूट गया है। उत्पादन शुरू करने के लिए मंजूरी मिल गई है, लेकिन संसाधनों की कमी आड़े आ रही है। पैसे का फ्लो तभी बनेगा, जब उद्योग और व्यापार पूरी तरह खुलेंगे। छिकारा के अनुसार कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मास्क, सेनिटाइजर के इस्तेमाल सहित सभी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं।

सरकार की शर्तों और हिदायतों का विशेष ध्यान

झज्जर जिले में 12 सौ से अधिक फैक्ट्रियों को काम शुरू करने की अनुमति दी जा चुकी है। अनेक फैक्ट्रियों में उत्पादन होने लगा है। उद्योग पतियों को उत्पादन कार्य में फिजिकल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखने, थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइजर की व्यवस्था करने समेत सरकार की शर्तों और हिदायतों का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई हैं। इंडस्ट्री में दोबारा कामकाज शुरू होने का ही असर है कि अब श्रमिक अपने गृह राज्यों को लौटने के फैसले पर दोबारा विचार करने लगे हैं। - संजीत कौर कटारिया, सह निदेशक, जिला उद्योग केंद्र

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