पूंडरी की जनता को पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा निर्दलियों पर भरोसा, 16 चुनावों में 8 बार जीते निर्दलीय विधायक

पूंडरी की जनता को पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा निर्दलियों पर भरोसा, 16 चुनावों में 8 बार जीते निर्दलीय विधायक
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जब से पूंडरी हलका बना है, तब से लेकर आज तक 16 चुनाव हुए है, जिनमें से 8 बार आजाद विधायक के तौर पर चुने गये है। निर्दलिय प्रत्याशी चुने जाने का सिलसिला पहली बार 1962 में शुरू हुआ और उसके बाद वर्ष 1996 से लगातार छठी बार निर्दलीय ही चुनते चले आ रह है। पूंडरी हलका बनने के बाद पहली बार वर्ष 1952 में चुनाव हुआ था।

जब से पूंडरी हलका बना है, तब से लेकर आज तक 16 चुनाव हुए है, जिनमें से 8 बार आजाद विधायक के तौर पर चुने गये है। निर्दलिय प्रत्याशी चुने जाने का सिलसिला पहली बार 1962 में शुरू हुआ और उसके बाद वर्ष 1996 से लगातार छठी बार निर्दलीय ही चुनते चले आ रह है। पूंडरी हलका बनने के बाद पहली बार वर्ष 1952 में चुनाव हुआ था।

जिसमें कांग्रेस के लाला गोपीचंद, 1957 में जनसंघ पार्टी के भाग सिंह रसीना, 1962 में हुए चुनाव में रामपाल पलाना आजाद प्रत्याशी के रूप में, हरियाणा गठन के बाद 1967 में हुये चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर रामपाल पलाना, 1968 में ईश्वर सिंह आजाद, 1972 में कांग्रेस टिकट पर ईश्वर सिंह, 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर स्वामी अग्निवेष, 1982 में कांग्रेस से ईश्वर सिंह, 1987 में लोकदल पार्टी से मक्खन सिंह, 1991 में कांग्रेस से ईश्वर सिंह, 1996 में आजाद प्रत्याशी नरेंद्र शर्मा, 2000 में आजाद प्रत्याशी तेजबीर सिंह, 2005 में आजाद प्रो. दिनेश कौशिक, 2009 में आजाद सुल्तान जडौला, 2014 में आजाद प्रो. दिनेश कौशिक व अब हुए चुनाव में फिर रणधीर गोलन ने आजाद प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की।

पूंडरी हलके की राजनीति पर नजर डाली जाए तो इसमें पिछले 23 वषार्ें से किसी भी पार्टी का प्रभाव ना होकर जातिवाद व व्यक्ति विशेष का प्रभाव रहा है। इस बार भी यही देखने को मिला। रोड बाहुल्य हलका होने के कारण सबसे अधिक रोड समुदाय के अधिक वोट है। इस बार भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी द्वारा इस समुदाय के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया। भाजपा ने भी जिसे टिकट दिया वो भी स्थानीय ना होकर करनाल से थे। जिस कारण इस समुदाय के अधिकतर मतदाता आजाद प्रत्याशी रणधीर गोलन पर एकत्रित हो गये।

पूंडरी में किस प्रत्याशी को मिले कितने मत

21 अक्टूबर को हुए चुनाव में आजाद प्रत्याशी रणधीर गोलन ने अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के सतबीर भाणा को 12824 मतों के अंतर से हराया। नोटा ने इस चुनाव में अन्य चार प्रत्याशियों से अधिक 656 मत प्राप्त किये। इस चुनाव में 136959 मत कुल मत पड़े। इसमें से सबसे अधिक आजाद प्रत्याशी रणधीर गोलन को 41008 मत, कांग्रेस के सतबीर भाणा को 28184 मत, भाजपा के एडवोकेट वेदपाल को 20990 मत, आजाद प्रत्याशी निवर्तमान विधायक प्रो. दिनेश कौशिक को 16142 मत मिले।

आजाद प्रत्याशी पूर्व मंत्री नरेंद्र शर्मा को 14242 मत, जेजेपी के राजेश ढुल को 8138 मत, बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी सुनीता ढुल को 5626 मत, कामरेड कृष्ण चंद ने 838 मत, इनेलो के प्रत्याशी जो बाद में आजाद प्रत्याशी के हक में बैठ गये थे को 219 मत, सुशील कुमार को 495 मत, कृष श्योकंद को 116 मत, हितेंद्र को 305 मत व नोटा को 656 मत मिले। पूंडरी हलके में वर्ष 1996 से आजाद प्रत्याशी ही लगातार विधायक चुनते आ रहे है और छठी बार भी इसी परंपरा को कायम रखते हुए आजाद प्रत्याशी को जनता ने बहुमत दिया।

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