Pundri Vidhan Sabha: 25 साल से निर्दलीय उम्मीदवारों के सिर बंध रहा है जीत का सेहरा

हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Election) के इतिहास में पूंडरी विधानसभा (Pundri Vidhan Sabha Seat) एक ऐसा क्षेत्र है जहां पिछले 25 वर्षों से निरंतर विधानसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवार जीत दर्ज करते आ रहे हैं। हरियाणा राज्य के गठन से लेकर अब तक 12 चुनाव हुए हैं। इनमें छह बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने जनता का टिकट हासिल कर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को करारी हार दी है।
कैथल जिले की विधानसभा पूंडरी से निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की शुरुआत 1968 में हुई। उस दौरान चौधरी ईश्वर सिंह को इलाके की जनता ने अपना विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा। उसके बाद 1972 से 1991 के बीच हुए विधानसभा चुनाव में तीन बार कांग्रेस और एक-एक बार जेएनपी व लोकदल उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। लेकिन 1996 में पूंडरी विधानसभा ने फिर से 1968 का इतिहास दोहराया दिया। उस समय आजाद उम्मीदवार नरेंद्र शर्मा विजय हुए। तब से लेकर वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव तक केवल आजाद उम्मीदवारों को जनता अपनी पहली पंसद बनाए है। इसके चलते राजनीतिक दलों के लिए पूंडरी विधानसभा में अपना सियासी दुर्ग स्थापित करना चुनौती भरा कार्य बना हुआ है। अब देखना यह है कि 2019 विधानसभा चुनाव में यहां की राजनीति किस करवट लेती है।
ईश्वर सिंह रहे सबसे ज्यादा बार विधायक
पूंडरी विधानसभा की राजनीति में सबसे बड़ी पारी स्वर्गीय ईश्वर सिंह ने खेली। वे चार बार इस क्षेत्र से विधायक बने। वर्ष 1984 में वे विधानसभा के अध्यक्ष रहे। अपने चार बार के कार्यकाल में उन्होंने कस्बे में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय धान अनुसंधान केंद्र की शुरूआत के साथ-साथ शिक्षा, पेजयल, सिंचाई, सड़क, बिजली और आम जन से जुड़ी सहूलियतों का दायरा बढ़ाने का काम किया। बेटे तेजवीर सिंह के विधायक बनने में उनकी विकास नीतियां महत्वपूर्ण रही। इसके बाद अब यहां से निर्दलीय के तौर पर प्रोफेसर दिनेश कौशिक विधायक हैं। दिनेश कौशिक का कहना है कि सीएम मनोहर लाल की विकास नीति और आम जन के सहयोग से पूंडरी एक नई पहचान के साथ हरियाणा के मानचित्र पर उभर रहा है।
पूंडरी से ये रहे हैं अभी तक विधायक
1967 | आरपी सिंह | कांग्रेस |
1968, 1972, 1982, 1991 | ईश्वर सिंह आजाद | कांग्रेस |
1977 | अग्निवेश | जेएनपी |
1987 | मक्खन सिंह | लोकदल |
1996 | नरेंद्र शर्मा | निर्दलीय |
2000 | तेजवीर सिंह | निर्दलीय |
2005, 2014 | दिनेश कौशिक | निर्दलीय |
2009 | सुलतान जडौला | निर्दलीय |
सरकार ने विकास के लिए खोला खजाना
प्रदेश की मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार ने पूंडरी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों के लिए करीब 500 करोड़ रुपये की घोषणाएं की हैं। इसके अलावा करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का प्रारूप भावी योजनाओं के रूप में तैयार किया गया है। इसमें निर्दलीय विधायक कौशिक का भाजपा की नीतियों में भरोसा कर कंधे से कंधा मिलाकर चलना भी बड़ा कदम साबित हुआ। विधायक ने राज्य सरकार से अच्छे संबंध स्थापति कर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शिक्षा, पेजयल, सिंचाई, सड़क, बिजली स्वास्थ्य और आम जन से जुड़ी सहूलियतों का दायरा बढ़ाने का काम किया।
भाजपा जीत सकती है सीट
पिछले पांच सालों में पूंडरी विधानसभा सीट पर भाजपा काफी मजबूत हुई है। निर्दलीय विधायक दिनेश कौशिक ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। 5 जुलाई 2019 को कैथल दौरे के दौरान मुख्मयंत्री ने कौशिक को पार्टी में शामिल कराया। इसके अलावा लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यहां पर बाजी मारी थी। लोकसभा चुनाव में पूंडरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार नायब सैनी को 54147 की लीड मिली थी। इससे भाजपा 2019 विधानसभा चुनाव में यहां कमल खिलाने की उम्मीद है। जबकि पूंडरी विधानसभा से वर्ष 2014 चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रणधीर गोलन दूसरे स्थान पर रहे थे।
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