मनरेगा को लागू करने में रोहतक जिला पूरे प्रदेश में पहले नम्बर पर रहा, आज उप मुख्यमंत्री कर सकते हैं प्रशंसा

मनरेगा को लागू करने में रोहतक जिला पूरे प्रदेश में पहले नम्बर पर रहा, आज उप मुख्यमंत्री कर सकते हैं प्रशंसा
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वित्तीय वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा ) को लागू करने में रोहतक जिला पूरे प्रदेश में पहले नम्बर पर रहा है। दूसरे नम्बर पर फतेहाबाद और तीसरा स्थान जींद ने प्राप्त किया है। रोहतक का स्कीम में 98.51, फतेहाबाद का 98.25 तथा जींद का स्कोर 97.70 है।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा ) को लागू करने में रोहतक जिला पूरे प्रदेश में पहले नम्बर पर रहा है। दूसरे नम्बर पर फतेहाबाद और तीसरा स्थान जींद ने प्राप्त किया है। रोहतक का स्कीम में 98.51, फतेहाबाद का 98.25 तथा जींद का स्कोर 97.70 है। देश-दुनिया में कोरोनाई माहौल के बीच सोमवार दोपहर बाद तीन बजे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस अति महत्वपूर्ण स्कीम मनरेगा का अपडेट जिला स्तर के अधिकारियों से जानेंगे। विडियो कांफ्रेंसिंग से होने वाली इस मीटिंग में मनरेगा अधिनियम में प्रदेश के दूसरे जिले, रोहतक की तरह ही काम कैसे करें, इस बारे में अपनी बात उप मुख्यमंत्री रखेंगे।

यह है मनरेगा एक्ट

यह एक रोजगार गारंटी योजना है। जिसे 2 अक्टूबर 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। इस अधिनियम के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के बीच बिना किसी भी भेदभाव के राेजगार उपलब्ध करवाया जाता है। पंचायत आवेदनकर्ता को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाएगी। स्कीम में हरियाणा पूरे देश में ऐसा राज्य जो श्रमिक को एक निश्चित काम करने के एवज में सबसे अधिक 309 रुपये उपलब्ध करवाता है।

ऐसे मिलता है गारंटेड रोजगार

ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्य, ग्राम पंचायत के पास एक तस्वीर के साथ अपना नाम, उम्र और पता जमा करते हैं। जांच के बाद पंचायत, घरों को पंजीकृत करता है और एक जॉब कार्ड प्रदान करता है। जॉब कार्ड में, पंजीकृत वयस्क सदस्य का ब्यौरा और उसकी फोटो शामिल होती है। एक पंजीकृत व्यक्ति, या तो पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी को लिखित रूप से (निरंतर काम के कम से कम चौदह दिनों के लिए) काम करने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन दैनिक बेरोजगारी भत्ता आवेदक को भुगतान किया जाएगा।

यह हैं पांच पैरामीटर

वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा कई बार प्रशंसित इस स्कीम में सरकार ने पांच पैरामीटर तय किए हुए हैं। इनके आधार पर जिलों की रैकिंग की जाती है। इन पैरामीटर में किसी भी ग्राम पंचायत ने स्कीम में अधिक से अधिक कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया। यह सरकार द्वारा दिए लक्ष्य से तय होगा। आवेदन के कितने दिन बाद आवेदनकर्ता को राेजगार दिया गया। श्रमिक का मेहनाता काम संपन्न होने के कितने दिन बाद दिया गया। खेती और खेती से संबंधित कितने काम पंचायत द्वारा करवाए गए समेत पांच मापदंड हैं।

मनरेगा पर है केंद्र का फोकस

ग्रामीण क्षेत्र में गारंटेड रोजगार उपलब्ध करवाने वाली इस स्कीम पर केंद्र सरकार का बहुत ज्यादा फोकस रहेगा। सरकार की सोच है कि आर्थिक मंदी को यह स्कीम कुछ कम सकती है। इसलिए सोमवार को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा ली जा रही विडियो कांफ्रेंसिंग का पहला एजेंडा ही मनरेगा स्कीम है। उप मुख्यमंत्री जिला स्तर के अधिकारियों से स्कीम के एस्टीमेट, उनकी स्वीकृति, श्रमिकों की उपलब्धता, स्कीम में जल संरक्षण पर मंथन करेंगे।

इसके अलावा पांच एजेंडे विडियो कांफेंसिंग के पांच और एजेंडे हैं।

मनरेगा को लेकर सोमवार दोपहर तीन बजे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला विडियो कांफ्रेंसिंग लेंगे। वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्कीम लागू करने में रोहतक जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है।

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