Alcohol scam : स्पेशल इंक्वायरी टीम ने जांच के लिए मांगा दो माह का वक्त

Alcohol scam :  स्पेशल इंक्वायरी टीम ने जांच के लिए मांगा दो माह का वक्त
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जांच टीम को शराब घोटाले मामले में रिपोर्ट सौंपने के लिए 31 मई का समय दिया गया था, समय सीमा रविवार को पूरी होने जा रही है। ऐसे में सरकार की ओर से एसआईटी (स्पेशल इंक्वायरी टीम) की समय सीमा बढ़ाया जाना अब तय हो गया है।

चंडीगढ़। हरियाणा में शराब घोटाले की जांच कर रही स्पेशल इंक्वायरी टीम (Special Inquiry Team) ने आखिरकार चर्चित शराब घोटाले की जांच के लिए दो माह का वक्त मांग लिया है। दूसरी तरफ स्पेशल इंक्वायरी टीम सदस्य एडीजीपी सुभाष यादव (ADGP Subhash Yadav) की सेवानिवृत्ति के आदेश जारी हो गए हैं, पहले उनको सेवा विस्तार के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब एसआईटी ने सरकार से जांच के लिए दो माह का वक्त मांगा है।

यहां पर उल्लेखनीय है कि हरियाणा में शराब घोटाले(Alcohol scam) की जांच के लिए गृहमंत्री अनिल विज ने एसआईटी गठित कराई थी। जिसमें एक वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर टीसी गुप्ता औऱ उनके अलावा टीम में एक पुलिस अफसर एडीजीपी सुभाष यादव के साथ ही एक आबकारी विभाग का अफसर शामिल किया गया था।

जांच टीम को रिपोर्ट सौंपने के लिए 31 मई का समय दिया गया था, आने वाले दो दिनों के बाद में समय सीमा रविवार को पूरी होने जा रही है। ऐसे में सरकार की ओर से एसआईटी (स्पेशल इंक्वायरी टीम) की समय सीमा बढ़ाया जाना अब तय हो गया है। वैसे, समय सीमा को एक से दो माह तक के लिए बढ़ाया जाना तय माना जा रहा है क्योंकि इसके अलावा कोई रास्ता भी नहीं हैं। खास बात यह है कि सरकार की ओर से (एसआईटी) स्पेशल इंक्वायरी टीममें शामिल एडीजीपी सुभाष यादव के सेवानिवृत्ति के आर्डर निकाल दिए हैं और वह 31 मई को सेवानिवृत हो रहे हैं। स्पेशल इंक्वायरी टीम के गठन से पहले ही चर्चा थी कि एसआईटी की समय सीमा बढ़ने पर सुभाष यादव को एक्सटेंशन दी जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

अब इनके एसईटी से रिटायर हो जाने के बाद में उनके स्थान पर सबसे ऊपर जिसका नाम है, उसमें रोहतक रेंज एडीजीपी संदीप खिरवार को एसआईटी में शामिल किए जाने की बात भी तय मानी जा रही है। संदीप खिरवार पहले से ही मुकदमे और पूरे मामले में नजर रखे हुए हैं। भरोसेमंद सूत्रों मुताबिक जो काम एसआईटी को जो वक्त दिया गया था, वो तय समय सीमा में पूरा हो पाना भी मुश्किल था। जिस स्तर का यह शराब घोटाला है, उस स्तर पर सभी पहलुओं की जांच की जाए तो तीन से चार माह का समय भी लग सकता है। आबकारी और पुलिस महकमे की मिलीभगत को जांचने के लिए भी लंबा वक्त चाहिए था, जांच टीम के लिए 31 मई तक जांच करना संभव नहीं था। इस क्रम में वक्त बढ़ाए जाने को लेकर गृह मंत्री अनिल विज की ओर से मुख्यमंत्री को फाइल भेज दी गई है, जिस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री मनोहरलाल ही करेंगे।

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