हरियाणा: जरूरतमंद परिवार को पहले बांटे गए राशन का ब्यौरा बताएगा एप

हरियाणा: जरूरतमंद परिवार को पहले बांटे गए राशन का ब्यौरा बताएगा एप
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गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार एक खास तरह की एंड्रायड एप्लीकेशन (एप) डिजाइन की है जो जरूरतमंद परिवार को खाने का राशन बांटे जाने का सटीक ब्यौरा देगा।

Guru Jambheshwar University हिसार ने कोरोना महामारी में जनसेवार्थ जुटी स्वयंसेवी संस्थाओं और जिला प्रशासन की मदद के लिए एक खास तरह की एंड्रायड एप्लीकेशन (एप) डिजाइन की है जो जरूरतमंद परिवार को खाने का राशन बांटे जाने का सटीक ब्योरा देगा। कई बार दानदाता या दानी एक ही जगह पर राशन कई बार बांट देते हैं और जिनको असल में जरूरत होती है वह रह जाते हैं।

यह एप्लीकेशन दान देने वाले को कुछ डिटेल दान देते समय ही दिखा देगा कि उस परिवार को पहले कितना राशन मिला था कब और कितने दिन के लिए दिया गया था और किसके द्वारा दिया गया था। विवि प्रशासन का मानना है कि यह एप जरूरतमंद लोगों को राशन बांटने की प्रक्रिया में अहम रोल निभाएगी। गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। विवि के कंप्यूटर साइंस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सुनील वर्मा तथा एमसीए सेकेंड इयर के छात्र संदीप कुमार ने मिलकर यह एप तैयार की है।

दुकानदारों के लिए ईजीबिजनेस एप

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय ने इजीबिजनेस के नाम से एप तैयार की है जिसमें एप पर दुकानदार, पुस्तक विक्रेता, मेडिकल शॉप, फल व सब्जी विक्रेता अपना अकाउंट बना सकते हैं तथा इस एप पर आर्डर प्राप्त कर सकते हैं। विवि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार का कहना है कि इससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी। आम आदमी को भीड़- भाड़ वाले इलाकों में जाने से रोका जा सकता है साथ ही सभी छोटे बड़े दुकानदारों का काम भी चलता रहेगा। यह एप उन सभी छोटे-मोटे दुकानदारों को जोड़ेगा जिससे हर एक दुकानदार आर्डर प्राप्त कर सकेगा। इस एप में ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार सामान की डिटेल लिखकर दुकानदार को भेज सकता है अगर दुकानदार को कुछ समझ नहीं आ रहा हो तो वह ग्राहक को सीधा फोन करके पूछ भी सकता है।

कैश या आनलाइन दोनों विकल्प

ग्राहक, दानदाता और कोरोना वारियर यानी डिलीवरी ब्वॉय के लिए डिजाइन ईजीबिजनेस एप में घर बैठे सामान मंगवाने वाले उपभोक्ता कैश अथवा आनलाइन दोनों विकल्पों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं। एप के जरिए सामान मंगवाने से पहले गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड करना होगा। ईजी एप पर एनएसएस वॉलिंटियर्स तथा कोरोना वॉरियर्स (डिलीवरी ब्वाय) भी खुद को रजिस्टर कर सकते हैं।

एप की यह है खासियत

- जरूरतमंद तक पहुंचेगा राशन तथा उसकी पिछली डिटेल भी

- छूट मिलने पर दुकानें खुलीं भी तो मार्केट नहीं लगेगी

- चीजें बेचने पर हर छोटे दुकानदार का काम मिलने से उसका आर्थिक संकट दूर होगा

- आप जिस भी शहर में हो उसी के दुकानदारों के लिस्ट आपको आर्डर करते टाइम दिखाएगा

- आप व्हाट्सएप से मैसेज भी कर सकते हैं

- रजिस्ट्रेशन पंजीकरण के समय ओटीपी और बिजनेस आईडी आपके मोबाइल पर आएगी, साथ ही जब डिलीवरी ब्वॉय आपको डिलीवरी देने आएगा तो आपसे एक हाई सिक्योरिटी ओटीपी की मांग करेगा जो कि आर्डर एक्सेप्ट होने पर आपके पास पहुंच जाएगा।

- डिलीवरी ब्वॉय की ड्यूटी और जगह प्रशाशन भी बता सकेगा

- ग्राहक अपने पहले से परिचित दुकानदार को भी आर्डर कर सकता है।

वीसी ने एप तैयार करने वालों की पीठ थपथपाई

गुजवि कुलपति प्रोफसर टंकेश्वर कुमार ने एप तैयार करने वाले सहायक प्रोफेसर सुनील वर्मा तथा छात्र संदीप कुमार की पीठ थपथपाई हैं। उन्होंने दोनों का धन्यवाद कर कहा कि कोरोना की लड़ाई में उनके बनाए एप का समाज के लोगों में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

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