हरियाणा: कोर्ट ने मजदूरों के आवेदनों पर तत्काल राशन और आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रविशंकर और जस्टिस अरूण पल्ली की दो सदस्यीय खण्ड पीठ ने लॉकडाउन में भुखमरी के शिकार पानीपत के प्रवासी मजदूरों को राहत देने को मजदूर संगठन इफ्टू की जनहित याचिका पर हरियाणा सरकार को पानीपत के प्रवासी मजदूरों को तत्काल राशन और आर्थिक सहायता देने के आदेश किए हैं। सहायता लेने के लिए ज़रूरतमंद प्रवासी मजदूर या व्यक्ति से प्राप्त आवेदन पर नोडल ऑफिसर तत्काल कारवाई करनी होगी ।
मजदूर संगठन इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियंस (इफ़्टू) हरियाणा प्रदेश संयोजक पीपी कपूर ने गत 3 अप्रैल को हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पानीपत में हजारों प्रवासी मजदूर व स्थानीय मजदूर भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। वे जिला प्रशासन को 4314 मजदूरों के नाम पता मोबाइल नम्बर सहित सूची दे चुके हैं ।लेकिन जिला प्रशासन व सरकार इन मजदूरों को न तो सूखा दे रही है और न ही आर्थिक मदद दे रही है ।
कपूर ने बताया कि गत 3 अप्रैल को हाई कोर्ट द्वारा कोर्ट की छुटियों के चलते जनहित याचिका स्वीकार न करने पर 6 अप्रैल को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी । सुप्रीम कोर्ट ने 13 अप्रैल के अपने आदेश में हाई कोर्ट को इस जनहित याचिका पर यथा शीघ्र सुनवाई करने के निर्देश किए थे। हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार के ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान ने कहा कि सरकार हेल्पलाइन नम्बरों व अन्य तरीकों से मज़दूरों की मदद कर रही है, मजदूर संगठन इफ्टू द्वारा मजदूरों की दी गई सूची विस्तृत नहीं है । हाइकोर्ट ने सुनवाई उपरांत सरकार को मजदूरों व अन्य व्यक्तियों से प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कारवाई करके राशन व आर्थिक सहायता दिलवाने के निर्देश देते हुए याचिका का निबटारा किया ।
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