लंबा खिंचा लॉकडाउन तो सर्दियों तक करना पड़ेगा शहनाइयां बजने का इंतजार

लंबा खिंचा लॉकडाउन तो सर्दियों तक करना पड़ेगा शहनाइयां बजने का इंतजार
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पंडितों का कहना है कि कोरोना संकट को लेकर जैसे हालात चल रहे हैं, उनमें मई और जून में भी शादी समारोह आयोजित करना कठिन है।

हरिभूमि न्यूज। यमुनानगर। कोरोना संकट पर फतेह हासिल करने के लिए लॉकडाउन और लंबा खिंचा तो प्रणयसूत्र में बंधने वालों को सर्दियों तक शहनाइयां बजने का इंतजार करना पड़ सकता है। इससे पहले लॉकडाउन शुरू होने से अप्रैल माह में आयोजित होने वाले शादी समारोह की तिथियां रद करके अधिकांश लोगों ने उन्हें मई और जून माह के शुभ मुहूर्त में पड़ने वाली तिथियों के लिए निर्धारित कर दी थी। लेकिन देश भर में बढ़ रहे कोरोना के कहर पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी जारी रह सकता है।

मई और जून में हैं शुभ मुहूर्त के 22 लग्न

पंडितों का कहना है कि कोरोना संकट को लेकर जैसे हालात चल रहे हैं, उनमें मई और जून में भी शादी समारोह आयोजित करना कठिन है। इन दो माह में शुभ मुहूर्त के 22 लग्न पड़ रहे हैं। यदि इन लग्नों में शादी विवाह नहीं हो सके तो उनकी प्रस्तावित तिथियां सर्दियों में नवंबर व दिसंबर माह तक टालनी पड़ सकती हैं। उनका कहना है कि 13 अप्रैल के बाद से खरमास समाप्त हो रहा है। लेकिन लॉकडाउन के मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि लोग शादियों की तारीख आगे बढ़ाएंगे। अधिकांश लोगों ने मई और जून में निर्धारित की गई विवाह की तिथियों को आगे के शुभ मुहूतों में निर्धारित करना शुरू कर दिया है।

नवंबर-दिसंबर में हैं दस शुभ मुहूर्त

पंडित लछमन दास का कहना है कि एक जुलाई से देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। यह 25 नवंबर तक रहेगा। इस बीच विवाह आदि नहीं हो सकेंगे। इसके बाद 25 नवंबर से लेकर 13 दिसंबर तक इस बीच भी विवाह आदि कार्य नहीं हो सकेंगे। 26 नवंबर से 13 दिसंबर तक शुभ मुहूर्त के दस लग्न हैं। जिनमें शादी समारोह आयोजित हो सकते हैं। इसके बाद 16 दिसंबर से खरमास लग जाएगा और 14 जनवरी 2021 मकर संक्रांति तक विवाह आदि कार्य नहीं हो सकेंगे। इसलिए नवंबर और दिसंबर में पड़ने वाले शुभ मुहूर्तों में ही शादियों की शहनाईयां बजने की उम्मीद है।

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