Hisar Airport: पर्यावरण मंजूरी के लिए अब होगी जनसुनवाई

हरिभूिम न्यूज:हिसार
हिसार एयरपोर्ट के द्वितीय चरण के विस्तार के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस की जनसुनवाई 10 जून को एयरपोर्ट परिसर में की जाएगी। इसमें एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव, विचार व आपत्तियां दर्ज करवा सकता है। एयरपोर्ट विस्तार के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्य संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रुचि के साथ पूर्ण करवाएं। यह बात उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने सोमवार को लघु सचिवालय स्थित जिला सभागार में एयरपोर्ट अथॉरिटी व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिसार एयरपोर्ट वर्तमान प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और सभी अधिकारी फाइलों के पीछे लगकर इन्हें क्लीयर करवाएं। जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
पहले 25 मार्च को होनी थी जनसुनवाई : हिसार एयरपोर्ट के द्वितीय चरण के विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत एनवायरन्मेंट क्लीयरेंस के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवेदन किया गया है। पहले जनसुनवाई के लिए 25 मार्च का दिन निर्धारित किया गया था लेकिन लॉकडाउन के कारण उस दिन जनसुनवाई नहीं की जा सकी थी। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जनसुनवाई का कार्यक्रम 10 जून को एयरपोर्ट परिसर में ही आयोजित किया जाएगा।
एडीसी ने विभागों के लिए डेडलाइन तय की: अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से जमीन शिफ्टिंग, फायर एनओसी, वन विभाग द्वारा पौधों की गणना व वन भूमि का स्थानांतरण, स्टेट अर्बन लोकल बॉडी द्वारा दी जाने वाली एनओसी, बिजली लाइनों की शिफ्टिंग, निरीक्षण गृह की शिफ्टिंग, बीपीसीएल गैस बॉटलिंग प्लांट की शिफ्टिंग, जल स्रोतों की शिफ्टिंग आदि के संबंध में जानकारी लेते हुए उनके लिए डेडलाइन निर्धारित की।
7200 एकड़ भूखंड में होगा विकसित: ज्वाइंट वकिंर्ग गु्रप (जेडब्ल्यूसी) के सदस्य राजेश कुमार ने बताया कि कुल 7200 एकड़ भूखंड पर विकसित किए जा रहे हिसार एयरपोर्ट की विस्तार के बाद संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इससे एयरपोर्ट की यात्री हैंडलिंग क्षमता 3.5 एमपीपीए (प्रतिवर्ष यात्रियों की संख्या)और कार्गो क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन एमटीपीए होगी। यह गतिविधि-7 (ए) व श्रेणी-ए का एयरपोर्ट होगा।
व्यापार के साथ उद्योग के बेहतर अवसर पैदा होंगे: इस परियोजना का मकसद प्रदेश में रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा देना, हवाई यात्रा, साहसिक खेल, पर्यटन को बढ़ाने तथा हिसार की हवाई पट्टी को एकीकृत विमानन हब के रूप में विकसित करना है ताकि एक ही स्थान पर कार्गो, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एमआरओ आदि व्यापार के साथ उद्योग के लिए बेहतर अवसर पैदा कर सकें।
एयरपोर्ट को लेकर भविष्य की संभावनाएं: वर्तमान में, केवल चरण-2 में कोड ई 4ई के विमान के लिए 3000 मीटर गुणा 60 मीटर के रनवे के साथ 3.5 एमपीपीए की हैंडलिंग क्षमता और 20 हजार एमटी की कार्गो क्षमता के लिए विकसित की जाएगी। द्वितीय चरण में कोड 4ई के विमानों के यातायात की अनुमति मिल सकेगी और अनुसूचित व गैर अनुसूचित विमानों का संचालन हो सकेगा। यहां प्रतिदिन 20 उड़ानों की आवृति होगी। इसमें 2 हैंगर व एक एप्रन (300 गुणा 120 मीटर) 10 पाकिंर्ग स्टैंड-कोड ई, मौजूदा के अलावा एक समानांतर टैक्सीवे तथा नेवीगेशन सहायता के लिए उच्च आवृति का डॉपलर तथा स्थान मार्कर बनाया जाएगा।
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