Jind : तीन युवकों को अवैध रुप से अमेरिका जाना पड़ा मंहगा, जेल के बाद अब दो युवक हो गए कोरोना पॉजिटिव

Jind : तीन युवकों को अवैध रुप से अमेरिका जाना पड़ा मंहगा, जेल के बाद अब दो युवक हो गए कोरोना पॉजिटिव
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जींद जिले के तीन युवकों को विदेश (foreign) में जाना मंहगा पड़ गया । अब तीनों युवकों के परिजनाें ने तीन एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज कराएं है। पुलिस मामलों की जांच कर रही है।

हरिभूमि न्यूज. जींद

जिले के तीन युवकों को विदेश (foreign) में जाना मंहगा पड़ गया। अवैध रूप से अमेरिका (America) भेज गए तीनों युवकों को वहां पर जेल में तो समय बिताना ही पड़ा, साथ में दो युवक कोरोना पॉजिटिव भी हो गए। अमेरिका भेजने के नाम पर तीनों युवकों से लाखों रुपये एजेंटों ने लिए थे। अमेरिका द्वारा वापस लौटाए जाने पर तीनों युवकों के परिजनाें ने तीन एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज कराएं हैं। पुलिस मामलों की जांच कर रही है।

गांव लोहचब निवासी रणजीत ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि जनवरी 2019 में उसका संपर्क गांव नारा जिला पानीपत निवासी रविंद्र खर्ब से हुआ। जिसने अमेरिका के कैलिफोर्निया(California) में भेजने के नाम पर 20 लाख रुपये लिए थे। 27 फरवरी 2019 को वह अमेरिका के लिए रवाना हुआ था लेकिन उसे इक्वाडोर ले जाया गया। जिसके बाद से उसने बस के माध्यम से छह-सात देशों को पार किया। 16 मई को वह कैलीफोर्निया के सडोअवी शहर में पहुंचा तो वहां पुलिस ने पकड़ लिया। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। बीच में रविंद्र खर्ब के लोगों ने उसका पासपोर्ट ले लिया था। आखिरकार भारतीय दूतावास ने उसे पासपोर्ट उपलब्ध करवाया। जिस पर अमेरिका पुलिस ने उसे वापस भेजने का फरमान जारी कर दिया। 19 मई को वह फ्लाइट द्वारा अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचा और उसे पंचकूला में क्वांरटाइन कर दिया गया। रणजीत ने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसे अमेरिका भेजा गया था। अब रविंद्र उसकी राशि भी वापस नहीं लौटा रहा है। सदर थाना पुलिस ने रणजीत की शिकायत पर रविंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

दो युवक और हुए कबूतरबाजी का शिकार

गांव लौन निवासी बलवान सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसके भाई की मार्फत लक्ष्मी नगर पानीपत निवासी ओमप्रकाश से मार्च 2019 में संपर्क हुआ था। ओमप्रकाश युवकों को अमेरिका भेजकर काम दिलाने का कार्य करता है। ओमप्रकाश ने उसके 21 वर्षीय बेटे को अमेरिका भेजने के नाम पर 12 लाख रुपये लिए। पांच मई 2019 को उसके बेटे को इक्वाडोर देश के लिए भेज दिया गया। जिसके बाद उसका बेटा कई देशों में ठहरा और कई स्थानों से गुजरा। अमेरिका में पहुंचने पर वह पकड़ा भी गया। जिसके चलते उसके बेटे को काफी परेशानी हुई। भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप से उसके बेटे की वापस संभव हुई। 19 मई को उसका बेटा अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचा। जो अब पीजीआई रोहतक में उपचाराधीन है। बलवान ने आरोप लगाया कि ओमप्रकाश ने अवैध रूप से उसके बेटे को अमेरिका भेजा था और उसकी राशि भी हड़प ली गई।

भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप से उसके बेटे की घर वापसी संभव

वहीं, गांव कालवन निवासी दलबीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका बेटा पांच जून 2019 को गांव सीतामई करनाल निवासी जगदीश की मार्फत अमेरिका गया था। जिसकी एवज में जगदीश ने अच्छी खासी रकम ली थी। उसके बेटे को पहले क्वेटा शहर भेजा गया, जिसके बाद विभिन्न देशों से होता हुआ उसका बेटा अमेरिका पहुंचा। वहां जाने पर अमेरिका पुलिस ने उसे पकड़ लिया। भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप से उसके बेटे की घर वापसी संभव हुई। जिसके बारे में जगदीश से संपर्क साधा गया था लेकिन उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और न ही राशि लौटाई। 19 मई को उसका बेटा अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचा। जो पीजीआई में उपचाराधीन है।

कबूतरबाजों के झांसे में न आए: डीआईजी

डीआईजी अश्विन शैणवी ने बताया कि कबूतरबाजों के झांसे में न आए। इससे न केवल आर्थिक नुकसान, बल्कि मानसिक परेशानी से भी गुजरना पड़ता है। कबूतरबाजी को लेकर मामले दर्ज किए गए हैं। आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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