किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी क्यों कोस रहे हैं मोदी सरकार को!

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी क्यों कोस रहे हैं मोदी सरकार को!
X
गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chadhuni) ने फसलों के समर्थन मूल्य परकहा की भाजपा की नेतत्व वाली केंद्र सरकार ने खरीफ फसल 2020-21 के वलए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की है, जिसमे द्वावा किया है की कीमतों की घोषणा 50% तक उत्पादन की लागत को सुनिचित करेगी और कुछ फसलों में 83% तक कीमतें बढ़ सकती है।

हरिभूमि न्यूज। चंडीगढ

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी किसानों के मुद्दे पर गुस्साए हुए हैं और मोदी सरकार को कोस रहे हैं। गुरनाम सिंह ने फसलों के समर्थन मूल्य परकहा की भाजपा की नेतत्व वाली केंद्र सरकार ने खरीफ फसल 2020-21 के वलए न्यूनतम समथथन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की है, जिसमे द्वावा किया है की कीमतों की घोषणा 50% तक उत्पादन की लागत को सुनिचित करेगी और कुछ फसलों में 83% तक कीमतें बढ़ सकती है।

गुरनाम के अनुसार ये यह केवल खुबसूरत सजवाट का झूठ के पुललदे को लपेटना है। धान के लिए घोषित एमएसपी पिछले साल की तुलना में 3% अधिक नहीं है क्योकि खेती की लागत में भारी वृदि हुई है। यहाँ यह उल्लेखनीय है की सीएसीपी लागत गणना संदिग्ध है यह वास्तविक लागत के आसपास भी नहीं है क्योकि भारत औसत लागत में भारी गिरावट आई है। भारतीय किसान यूनियन , महामारी के समय में कटाई और खरीद कायों को सुविधाजनक बनाने के लिए बिना किसी तैयारी के अनोजित ढंग से लागु किए गए लॉकडाउन के कारण पैदा हुए भारी नुकसान के लिए पूरी तरह से सरकारों की असवेदनशीलता की निदा करती है।

धान में खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए अनुमानित लागत को 1245 रुपये प्रति क्विंटल रूप में दिखाई गई है। खरीफ मूल्य रिपोर्ट 2019-20 के अनुसार सी2 की लागत एक साल पहले ही 1619 रुपये प्रवत क्विंटल थी। उस दर पर भी यदि सी2+50% फार्मूला लागू किया गया था, तो न्यूनतम समर्थन मूल्य 2428.50 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए था । पुरे एक वर्ष बाद घोषित किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य केवल 1868 रुपये प्रति क्विंटल है। अगर सी2+50% का फार्मूला अपनाया जाता तो किसान को कम से कम पुरे एक साल बाद घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से 560 रुपये प्रति क्विंटल अधिक मिलता ।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए की केरल राज्य धान की खरीद 2690 रुपये प्रति क्विंटल पर करता है। खरीफ विपणन सत्र 2019-20 के लिए पंजाब कृषि विभाग द्वारा धान की सी2 लागत का राज्य में अनुमान 2744 रुपये प्रति क्विंटल दिखाया गया था, जबकि सीएसीपी दिखाई गई लागत के िल 1204 रुपये प्रवत क्विंटल था, यानी राज्य द्वारा देखाई कई लागत का लगभग महज 44 प्रवतशत। ए2+ऍफ़ एल के आांकडे सी2 लागतों की तुलना में सभी फसलों में 30% कम हैं।

स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार इस बार भी फसलों के दाम न दिए जाने के चलते; कल घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में किसानों का इस बार का नुकसान:- धान 632.50/क्विंटल, कपास=Rs 1887.50/क्विंटल, ज्वार=Rs 969.50/क्विंटल ,बाजरा=Rs 182.50/क्विंटल, मक्का=Rs 559/क्विंटल, रागी=Rs 849.50/क्विंटल, अरहर=Rs 2196/क्विंटल, मूंग=Rs 2237.50/क्विंटल, उड़द=Rs 2355/क्विंटल, मूंगफली=Rs 1493/क्विंटल , सोयाबीन=Rs 1389.50/क्विंटल, सूरजमुखी=Rs 1733.50/क्विंटल, तिल=Rs 2467.50/क्विंटल है भारतीय किसान यूनियन हरियाणा भाजपा सरकार द्वारा किए गए किसानो के साथ क्रूर मजाक की निदा करती है इस असवेदनशीलता भरे रवैये की खिलाफ विरोध करने का अवाहन करती है ।

Tags

Next Story