Rewari : देश के 50 लोकप्रिय जिलाधिकारियों की सूची में शामिल हुए यशेंद्र सिंह

हरिभूमि न्यूज, रेवाड़ी
बांगर की धरती जींद को प्रदेश की राजनीतिक राजधानी भी कहा जाता है। उसी धरती के गांव डूमरखां निवासी एवं रोहतक में जन्मे 2011 बैच के आईएएस यशेंद्र सिंह (IAS Yashendra Singh) को पहली बार 15 जून 2019 में डीसी के उपायुक्त की जिम्मेदारी मिली तथा विधानसभा चुनाव 2019 की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। 2020 की शुरूआत में ही कोरोना महामारी चर्चा में आने लगी थी तथा इसी के चलते 23 मार्च से जिले में लॉकडाउन लागू हो गया था। चारों तरफ कोरोना की दस्तक के बावजूद अपनी सूझबूझ से 8 मई तक रेवाड़ी को सुरक्षित रखने में सफल रहे।
फेम इंडिया-एशिया पोस्ट (Fame India-Asia Post) के वार्षिक सर्वे 2020 में रेवाड़ी के डीसी यशेंद्र सिंह को देश के 50 लोकप्रिय कलेक्टरों में स्थान दिया है। फेम इंडिया ने एशिया पोस्ट सर्वे के साथ मिलकर सर्वप्रथम देशभर के 724 जिलों के सभी डीएम व डीसी को स्टेकहोल्ड सर्वे के आधार पर 50 कैटिगरी में बांटा। इसमें राज्य, जिले की जनसंख्या, क्षेत्रफल और विकास का ध्यान रखा गया। इसके बाद विभिन्न स्रोतों, प्रबुद्घ लोगों की राय, ग्राउंड और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर 50 लोकप्रिय कलेक्टरों का चयन किया।
सहनशीलता को अपनी ताकत बनाकर हर प्रकार का दबाव को झेलने में सफल
लॉकडाउन फोर के दौरान प्रदेश भर में मिली छूट के बाद रेवाड़ी में बाजार खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी। 7 मई को लॉकडाउन थ्री में निर्धारित किए गए नियमों पर कायम रहते हुए लॉकडाउन फाइव की गाइड लाइन का इंतजार किया। इस दौरान मार्केट एसोसिएशनों की तरफ से प्रदेश के अन्य जिलों की तर्ज पर बाजार खोलने के लिए अलग-अलग प्रकार से दबाव बनाने के प्रयास भी हुए, परंतु सहनशीलता को अपनी ताकत बनाकर हर प्रकार का दबाव को झेलने में सफल रहे। शुरूआती दौर से ही कोरोना महामारी का केंद्र रहे गुरुग्राम व नूहं से सटा होने के बावजूद 8 मई तक रेवाड़ी सुरक्षित रहा। इसके लिए समय पर रेवाड़ी की सीमाओं का सील करने तथा प्रदेश में बाजार खोलने के लिए अपनाए गए ओड इवन सिस्टम से अलग हटकर एक-दो-तीन नंबर देकर एक नंबर की दुकान को सप्ताह में दो दिन दिए गए तथा 3 जून से पूरा बाजार खोलने की नई गाइड लाइन जारी की गई।
कर्म ही मेरी पूजा
सरकार ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी हैं। मेरा प्रयास रहता है कि अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाऊ। कौन क्या सोचता है यह देखने की बजाय सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाना और जिलावासियों के जानमाल की रक्षा करने के लिए नियमानुसार सही समय पर सही फैसला लेना मेरा दायित्व है। फिर चाहे मुझे देश के 50 कलेक्टर में स्थान मिले या फिर कहीं भी ना मिले। मेरे लिए इसका कोई महत्व नहीं है। कोरोना महामारी में मैने अब तक जो किया है, वह सभी के सहयोग से ही संभव हो पाया है। आगे भी सभी को साथ लेकर काम करने का प्रयास करता रहूंगा। बता दें कि पिछले साल डीसी यशेन्द्र सिंह की कार्यशैली की बदौलत रेवाड़ी जिले को राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण स्वच्छता अवॉर्ड-2019 मिला था।
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