कैसे सिर्फ 22 साल की उम्र मे वैभव मिश्रा बने डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया का जाना-पहचाना नाम

कैसे सिर्फ 22 साल की उम्र मे वैभव मिश्रा बने डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया का जाना-पहचाना नाम
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हाल ही मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सफलता से जुड़ा शब्द मिला और वह है, आत्मनिर्भर। यह केवल एक शब्द नही कई युवाओं के लिए यह सफलता पाने की एक कुंजी बन चुकी है।

कहते हैं सफलता इतनी आसानी से हासिल नहीं होती उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, हाल ही मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सफलता से जुड़ा शब्द मिला और वह है, आत्मनिर्भर। यह केवल एक शब्द नही कई युवाओं के लिए यह सफलता पाने की एक कुंजी बन चुकी है।

और इसी शब्द से प्रेरित हुए एक युवा वैभव मिश्रा जो बेहद कम उम्र से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। वैभव केवल 22 साल की उम्र मे जो मुकाम उन्होंने हासिल किया है उसके पीछे कड़ी मेहनत है।

वैभव केवल महत्वाकांक्षी ही नहीं बल्कि एक रचनात्मक दिमाग वाले व्यक्ति है जो किसी प्रकार की चुनोतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं l वैभव ने यह साबित कर दिया की एक व्यक्ति का अनुभव उसके शैक्षिक योग्यता जितना ही महत्वपूर्ण है।

कौन हैं वैभव मिश्रा?

वैभव मिश्रा ''ब्लॉज़न एडवरटाइजिंग एंड मीडिया" के सीओओ और फाउंडर हैं। उन्होंने पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वैभव ने बेहद कम उम्र मे ही ऑनलाइन ब्रांडों के निर्माण में सोशल मीडिया की ताकतों और इसके रुझानों के बारे मे जानकारी हासिल कर ली थी। केवल बातों से नहीं उन्होंने कर के भी दिखाया है, वह डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया मे बेहद अनुभवी हैं। बचपन से ही उन्हे नई रचनात्मक चीजें सीखने का शौख था। और इसमे उनके माता पिता व उनके दोस्तों ने भी उनका साथ दिया है ।

12वीं बोर्ड की परीक्षा के कारण टूटा था व्यापारी बनने का सपना

वैभव एक व्यापारी बनना चाहते थें लेकिन इंटरमीडिएट (12वीं) बोर्ड की परीक्षा में असफल होने के कारण उन्हे निराशाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन वो कहते है न, हार उसकी होती है जो हार मान लेता है, वैभव गिर कर उठना जानते थे। उनके दोस्त नवीन सैनी ने डिजिटल मार्केटिंग के लिए सलाह दी और वैभव ने इसे सीखना शुरू किया। और फिर केवल 21 साल की कम उम्र में, उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की। वैभव ने फेसबुक एड कैंपेन जैसी डिजिटल मार्केटिंग तकनीकों के बारे में भी जानकारी हासिल की, और फिर जल्द ही उन्हें डिजिटल दुनिया में कई तरह के अवसरों का पता चल गया। इसके बाद वैभव ने इस फील्ड मे महारत हासिल की और डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में नाम कमाया।

क्या है वैभव का सबसे खास टैंलेंट?

डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में मुकाम हासिल करना कोई आसान काम नहीं है। वैभव का सबसे खास टैंलेंट सोशल मीडिया मार्केटिंग है। उन्होंने पहले कई बेहतरीन मीडिया कंपनियों के संग काम किया और बेहद मजबूत कनेक्शन के साथ- साथ नेटवर्क का भी निर्माण किया है। इससे उनके बिजनेस की यात्रा में कई तरह की सहायता मिली है।

बेहद जिज्ञासा के साथ सीखा डिजिटल मार्केटिंग

वैभव ने अपने संघर्ष के समय को याद करते हुए बताया कि शुरुआत मे उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग को बेहद जिज्ञासा से सीखा था, हालांकि सीखने के लिए बहुत सी चीज़े हैं और फिर उन्हें डिजिटल मार्केटिंग के साथ- साथ सभी कामों से प्यार हो गया। वह अभी भी सीखते हैं और अपने आप को मार्केट में हर तरह के रुझानों से अपडेट रखते हैं। उनका मानना है कि सफलता के लिए नेटवर्क बनाना बेहद ज़रूरी है।

भविष्य से जुड़ी योजनाओं के संबंध मे वैभव का कहना है कि उन्होंने इस मीडिया उद्योग में खुद को मैनेज नहीं किया है। उनकी कंपनी अच्छा कर रही है, और उनसे जुड़े सभी लोग बेहद खुश हैं, और वह इस मुकाम को हासिल कर बेहद खुश हैं। और वह हमेशा नए काम के लिए सजग हैं।

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