Jharkhand Election : क्या आजसू का साथ छोड़ने की वजह से झारखंड में हारी भाजपा, जानें वजह

Jharkhand Election : क्या आजसू का साथ छोड़ने की वजह से झारखंड में हारी भाजपा, जानें वजह
X
Jharkhand Election : राज्य में बीजेपी की हार के लिए कोई एक वजह नहीं हो सकती है। ऐसे में खबर आई हैं कि इस बार चुनावी मैदान में आजसू का साथ नहीं होने के कारण बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।

Jharkhand Election : झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। रघुवर दास अपने जमशेदपुर पूर्वी सीट से खड़े थे, जिसे टक्कर देने में भाजपा के विद्रोही सरयू राय ने 16 हजार से अधिक मतों से पराजित कर दिए। जहां एक तरफ रघुबर दास अपनी ही गढ़ के सीट को बचा नहीं सकें तो दूसरी ओर पूर्व गठबंधन आजसू पार्टी का साथ छोड़ने पर मात खानी पड़ी।

बीजेपी की हार की वजह

भाजपा की हार के लिए राज्य में कोई एक वजह नहीं हो सकती है। ऐसे में खबर जो सामने आई है वो हैं कि भाजपा का चुनावी मैदान में अकेले उतरना उसके लिए मुश्किल भरा था। इस बार चुनावी मैदान में आजसू का साथ नहीं होने के कारण बीजेपी के वोटबैंक में कमी होने से हार का सामना करना पड़ा। अगर जाति के तौर पर देखा जाए तो प्रदेश में महतो की काफी आबादी है। वहीं सिल्ली से विजय हुए सुदेश महतो को भारी मतों से जीत दर्ज की है। ऐसे में अगर बीजेपी आजसू का साथ निभाती, तो शायद एक बार फिर बीजेपी को ही सत्ता हासिल हो सकती थी।

आजसू ने दिया था बीजेपी का साथ

अगर 2014 विधानसभा चुनाव की बात की जाए, तो आजसू का साथ होने की वजह से ही बीजेपी की सरकार बनी थी। 2014 विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने 37 सीटें जीती थीं तो वहीं इस बार सिर्फ 25 सीटों पर सिमट कर रह गई। जबकि उसकी सहयोगी रही आजसू पार्टी पिछली विधानसभा में सिर्फ 8 सीटों पर लड़कर पांच सीटें हासिल की थी।

वहीं इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर जीत दर्ज की। कम से कम 12 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से गठबंधन के तौर पर जीत हासिल हो सकती थी। अगर वोट फीसदी की बात की जाए तो भलें ही जेएमएम की तुलना में करीब 15 फीसदी वोट अधिक हासिल की है, लेकिन भाजपा से 5 सीटें अधिक हासिल कर जेएमएम ने जीत हासिल की है।

वोट शेयर में 2019 के चुनाव में बीजेपी को 33.37 फीसदी जबकि जेएमएम 18.72 फीसदी हासिल हुई। वहीं पिछले चुनाव में बीजेपी को 33.37 फीसदी और जेएमएम को 18.72 फीसदी हासिल के साथ बीजेपी की विजय हुई थी।

जाति के आधार पर बीजेपी की हार के पीछे आजसू पार्टी सुदेश महतो के साथ गठबंधन न होना भी बताया जा रहा है। कारण है कि महतो जाति ओबीसी कुर्मी जाति की उपजाति है, जिसमें महतो की काफी अच्छी खासी आबादी है। ऐसे में साथ छोड़ने पर वोट बैंक की प्रतिशत में कमी आई है।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story